Nobel Peace Prize 2025 : साल 2025 के नोबेल शांति पुरस्कार का ऐलान 10 अक्टूबर को हुआ। वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को शांति का नोबेल पुरस्कार मिला है। उन्होंने वेनेजुएला में लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और तानाशाही से लोकतंत्र की ओर शांतिपूर्ण बदलाव लाने के लिए 20 साल लगातार संघर्ष किया है। इस साल ये पुरस्कार खूब चर्चा में रही क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए खुद को नॉमिनेट करने के पेशकश की थी। वहीं अब नोबेल पुरस्कार को ऐलान के बाद व्हाइट हाउस का रिएक्शन सामने आया है।
ट्रंप को नोबेल न मिलने पर भड़का व्हाइट हाउस
इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम शामिल न होने पर व्हाइट हाउस ने नाराजगी जताई और नोबेल समिति के फैसले को राजनीति से प्रभावित बताया।व्हाइट हाउस के डायरेक्टर ऑफ कम्युनिकेशन स्टीवन चेउंग ने एक्स पर लिखा, “एक बार फिर नोबेल समिति ने दिखा दिया है कि उनके लिए शांति से ज़्यादा राजनीति मायने रखती है।” उन्होंने आगे कहा कि इस फैसले से यह साफ होता है कि समिति वैश्विक शांति के प्रति सच्ची प्रतिबद्धता के बजाय अपने पूर्वाग्रहों से काम कर रही है।
स्टीवन चेउंग ने आगे कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप दुनिया भर में शांति समझौते करते रहेंगे, युद्धों को खत्म करेंगे और लोगों की जान बचाएंगे। उनका दिल इंसानियत से भरा है, और उनके जैसा कोई नहीं जो अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से असंभव को भी संभव बना सके।”
वहीं नोबेल पुरस्कार की घोषणा से कुछ घंटे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि ओबामा को “कुछ भी न करने” और “देश को नुकसान पहुंचाने” के बावजूद नोबेल शांति पुरस्कार मिल गया था। ट्रंप ने कहा, “ओबामा को यह पुरस्कार बिना किसी काम के मिल गया। उन्हें खुद भी नहीं पता था कि क्यों मिला। वे बस चुने गए, और उन्हें यह सम्मान उस समय दिया गया जब उन्होंने हमारे देश के लिए कुछ अच्छा नहीं, बल्कि नुकसान ही किया था।” बराक ओबामा को पद संभालने के सिर्फ आठ महीने बाद, साल 2009 में नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था। उस वक्त नॉर्वे की नोबेल समिति ने कहा था कि यह सम्मान उन्हें “अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और लोगों के बीच सहयोग को मज़बूत करने के असाधारण प्रयासों” के लिए दिया गया है।