Kashish Chaudhary: कौन हैं कशिश चौधरी जिन्होंने बलूचिस्तान में पहली हिंदू महिला असिस्टेंट कमिश्नर बनकर रच दिया इतिहास

Balochistan's Kashish Chaudhary: कशिश चौधरी बलूचिस्तान प्रांत के चगाई जिले के एक दूरदराज के शहर नोशकी की रहने वाली हैं। कशिश ने बलूचिस्तान लोक सेवा आयोग (BPSC) की प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता प्राप्त कर प्रांत में अल्पसंख्यक समुदाय से पहली हिंदू महिला हैं जिन्हें असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर नियुक्ति मिली है

अपडेटेड May 14, 2025 पर 4:55 PM
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कशिश के पिता ने कहा कि, 'उनकी बेटी का हमेशा से पढ़ाई करने और महिलाओं के लिए कुछ करने का सपना था

Kashish Chaudhary: पाकिस्तान के प्रांत बलूचिस्तान की 25 वर्षीय हिंदू महिला कशिश चौधरी ने इतिहास रच दिया है। कशिश ने बलूचिस्तान लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा उत्तीर्ण की है। वह प्रांत में अल्पसंख्यक समुदाय से पहली हिंदू महिला हैं जिन्हें असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर नियुक्ति मिली है। यह नियुक्ति प्रांत के अल्पसंख्यक समुदाय के लिए उपलब्धि के साथ महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

कौन हैं कशिश चौधरी?

कशिश चौधरी बलूचिस्तान प्रांत के चगाई जिले के एक दूरदराज के शहर नोशकी की रहने वाली हैं। कशिश के पिता गिरधारी लाल एक छोटे व्यापारी हैं। कशिश ने बलूचिस्तान लोक सेवा आयोग (BPSC) की प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सबके लिए गर्व का पल ला दिया है। एक ऐसे प्रांत में जहां महिलाओं के लिए शिक्षा और करियर के अवसर बहुत सीमित हैं, वहां कशिश ने सभी बाधाओं को पार करते हुए यह मुकाम हासिल किया है। यह सफलता उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण को दिखाती है।

कशिश के पिता ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, 'उनकी बेटी का हमेशा से पढ़ाई करने और अपने समुदाय की महिलाओं के लिए कुछ करने का सपना था, जिसे उसने अपनी मेहनत और प्रतिबद्धता से साकार किया है।'

'महिलाओं और अल्पसंख्यकों के सशक्तिकरण के लिए करूंगी काम'

अपनी सफलता के बाद कशिश अपने पिता गिरधारी लाल के साथ क्वेटा में बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान कशिश ने मुख्यमंत्री को बताया कि वह महिलाओं और अल्पसंख्यकों के सशक्तिकरण और प्रांत के समग्र विकास के लिए काम करेंगी। उनके इस संकल्प ने उनकी सेवा भावना और प्रगतिशील सोच को दर्शाया। मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने भी कशिश की नियुक्ति पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह पूरे देश के लिए गर्व की बात है जब अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य अपनी मेहनत और प्रयासों से महत्वपूर्ण पदों पर पहुंचते हैं।


पाकिस्तान में अल्पसंख्यक महिलाओं की बढ़ती सफलता

कशिश चौधरी अकेली नहीं हैं जिन्होंने पाकिस्तान में हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। हिंदू समुदाय की कई महिलाओं ने सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक बाधाओं को पार करते हुए महत्वपूर्ण पदों पर अपनी जगह बनाई है। जुलाई 2022 में, मनीश रोपेता कराची की पहली हिंदू महिला पुलिस अधीक्षक बनीं और अभी भी अपनी ड्यूटी निभा रही हैं। 2019 में सिंध प्रांत के अपने गृहनगर शाहदादकोट में पहली बार सिविल जज नियुक्त होने के बाद सुमन पवन बोदानी अभी भी हैदराबाद में सिविल जज के रूप में कार्यरत हैं। सिंध प्रांत के एक नेता रमेश कुमार वंकवानी का मानना है कि जिन युवा हिंदू लड़कियों को उनके परिवारों का समर्थन मिलता है, उन्होंने शिक्षा प्राप्त करने में अधिक झुकाव दिखाया है।

हिंदुओं के लिए अभी भी है चुनौतियां

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में अधिकांश हिंदू आबादी रहती है। वहां अभी भी कम उम्र की हिंदू लड़कियों के अपहरण और मुस्लिम पुरुषों द्वारा धर्मांतरण की समस्या व्याप्त है जो बहुत चिंता की बात है। सिंध प्रांत के एक नेता रमेश कुमार वंकवानी का मानना है कि ऐसी बुराइयों का मुकाबला करने के लिए हिंदू समुदाय के लिए अधिक शैक्षणिक सुविधाओं की आवश्यकता है। आधिकारिक अनुमानों के अनुसार, पाकिस्तान में 75 लाख हिंदू रहते हैं, जबकि समुदाय का अनुमान है कि यह संख्या 90 लाख से अधिक है।

Abhishek Gupta

Abhishek Gupta

First Published: May 14, 2025 4:41 PM

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