पाकिस्तान ने गुरुवार रात अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के ठिकानों पर हवाई हमले किए। पाकिस्तान काबुल पर हवाई हमला करते हुए तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के कई ठिकाने तबाह करने का दावा किया है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस एयरस्ट्राइक में टीटीपी प्रमुख मुफ्ती नूर वली महसूद मारा गया है। रिपोट्स के मुताबिक, पाकिस्तान ने जिस समय एयरस्ट्राइक की, उस वक्त मुफ्ती नूर वली महसूद पूर्वी काबुल के एक ठिकाने पर मौजूद था और दावा किया जा रहा है कि वह हमले में मारा गया।
वहीं दूसरी ओर अफगान तालिबान सरकार के प्रवक्ता ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ। खास बात यह है कि पाकिस्तान ने यह कार्रवाई ऐसे समय में की है जब अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी भारत के सात दिवसीय दौरे पर हैं।
अफगानिस्तान के टोलो न्यूज की रिपोर्ट में बताया गया कि शुक्रवार सुबह सोशल मीडिया पर नूर वली महसूद का एक ऑडियो संदेश सामने आया, जिसमें वह अपनी मौत और लापता होने की खबरों को झूठा बताते हुए सुनाई दिया। इससे पहले कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि टीटीपी प्रमुख एयरस्ट्राइक में मारा गया है, लेकिन इस ऑडियो के बाद हालात और अधिक उलझ गए हैं तथा हमले को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। वहीं अब सबके मन में ये सवाल है कि नूर वली महसूद कौन था। आइए जानते हैं कौन है मुफ्ती नूर वली महसूद
कौन है मुफ्ती नूर वली महसूद
मुफ्ती नूर वली महसूद का जन्म 26 जून 1978 को दक्षिण वजीरिस्तान में महसूद जनजाति के माचिखेल जफरखेल उप-कबीले में हुआ था। पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर पीस स्टडीज (PIPS) की रिपोर्ट के मुताबिक, उसने फैसलाबाद, गुजरांवाला और कराची के मदरसों से धार्मिक शिक्षा ली और बाद में अपने गांव के एक मदरसे में अध्यापन शुरू किया। हालांकि, समय के साथ उसने कट्टरपंथ का रास्ता अपना लिया और अंततः टीटीपी का कमांडर बन गया। यंग एज में ही वह जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम से जुड़ गया था। 9/11 हमलों के बाद जब अमेरिका और पाकिस्तान के बीच गठबंधन बना, तो नूर वली ने इसे इस्लाम के खिलाफ विश्वासघात के रूप में देखा।
पाकिस्तान की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल
मुफ्ती नूर वली महसूद पाकिस्तान की मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में शामिल है। मुल्ला फजलुल्लाह के मारे जाने के बाद उसने संगठन की कमान संभाली और टीटीपी का चौथा प्रमुख बना। महसूद 2003 में इस संगठन से जुड़ा था और 2013 तक कराची में टीटीपी की आतंकी गतिविधियों की अगुवाई करता रहा। नूर वली महसूद ने 1990 के दशक में अफगान तालिबान के साथ लड़ाई लड़ते हुए आतंकी सफर शुरू किया। 2001 में अमेरिकी हमले के दौरान उसने तालिबान का साथ दिया और 2003 में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) में शामिल हो गया। संगठन में वह बैतुल्लाह महसूद का डिप्टी, फिर कराची चैप्टर का प्रमुख रहा। 2018 में मौलाना फजलुल्लाह की मौत के बाद टीटीपी की केंद्रीय शूरा ने उसे नया प्रमुख बना दिया।