Bangladesh Crisis: बांग्लादेश में राजनीतिक हलचल और हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक तरफ जहां मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने देश में 12 फरवरी को आम चुनाव कराने का ऐलान कर दिया है, वहीं दूसरी ओर करीब 17 सालों से लंदन में निर्वासित जीवन जी रहे बीएनपी (BNP) नेता तारीक रहमान 25 दिसंबर को स्वदेश लौटने वाले हैं। इस बीच, भारत के साथ बढ़ते कूटनीतिक तनाव और पत्रकारों पर होते हमलों ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है।
12 फरवरी को होंगे चुनाव: मुहम्मद यूनुस
मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने अमेरिका के विशेष दूत सर्जियो गोर से बातचीत में साफ किया कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बहाल करने के लिए 12 फरवरी को चुनाव कराना अनिवार्य है। इस बीच पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारीक रहमान 25 दिसंबर को बांग्लादेश लौट रहे हैं। वे 2008 से ही लंदन में थे। माना जा रहा है कि उनकी वापसी चुनाव से पहले बीएनपी (BNP) के लिए संजीवनी का काम करेगी और वे पार्टी के प्रचार की कमान संभालेंगे।
ब्रिटेन में रहने वाले बांग्लादेशी पत्रकार सुशांत दास गुप्ता ने आरोप लगाया है कि बांग्लादेश में उनके पुश्तैनी घर पर भीड़ ने हमला कर लूटपाट की। सुशांत के अनुसार, उनके परिवार को हमले से मात्र 30 मिनट पहले घर छोड़कर भागना पड़ा। उन्होंने दावा किया कि यह हमला मुहम्मद यूनुस प्रशासन की आलोचना करने और सोशल मीडिया पर उनकी 'पोल खोलने' की वजह से किया गया है। सुशांत का कहना है कि सरकार उन्हें डराकर चुप करना चाहती है।
उस्मान हादी की मौत पर हुआ जमकर बवाल
एंटी-इंडिया नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश के कई हिस्सों में दंगे भड़क उठे हैं। आगामी चुनाव में उम्मीदवार हादी की मौत के बाद समर्थकों ने ढाका के कई ऐतिहासिक स्थलों और मीडिया हाउसों (जैसे 'द डेली स्टार' और 'प्रथम आलो') पर हमले किए। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि हादी के हत्यारे भारत भाग गए है, जिसके कारण वहां 'भारत विरोधी' लहर और तेज हो गई है।
भारत-बांग्लादेश के बीच वीजा सेवा बंद!
दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्तों में बड़ी दरार आ गई है। सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए बांग्लादेश ने नई दिल्ली और त्रिपुरा स्थित अपने सेंटर्स में वीजा सेवाएं अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दी हैं। इससे पहले भारत भी सुरक्षा चिंताओं के कारण बांग्लादेश के कई शहरों में अपनी वीजा सेवाएं रोक चुका है। अगरतला और कोलकाता में बांग्लादेशी मिशनों के बाहर 'सनातन हिंदू सेना' जैसे संगठनों के विरोध प्रदर्शनों ने तनाव को और बढ़ा दिया है।
अल्पसंख्यकों और राजनयिकों की सुरक्षा पर चिंता
चटगांव में भारतीय सहायक उच्चायुक्त के आवास पर पथराव और हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की लिंचिंग ने भारत सरकार की चिंता बढ़ा दी है। भारत ने बांग्लादेशी उच्चायुक्त को तलब कर कड़े शब्दों में अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। वहीं, बांग्लादेश सरकार ने दावों को खारिज करते हुए कहा है कि वे राजनयिकों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं और चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराएंगे।