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Budget 2024 : क्या वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण आम आदमी की ये उम्मीदें पूरी करेंगी?

Budget 2024 : इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स डिडक्शन मिलता है। अभी यह डिडक्शन सालाना 1.5 लाख रुपये है। इस सेक्शन के तहत करीब एक दर्जन इंस्ट्रूमेंट्स और निवेश माध्यम आते हैं। लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी, पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि जैसी स्कीमें इसमें शामिल हैं। दो बच्चों की ट्यूशन फीस पर डिडक्शन भी इसी सेक्शन के तहत मिलता है

अपडेटेड Jan 15, 2024 पर 3:03 PM
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Budget 2024 : अभी इनकम टैक्स की नई रीजीम में टैक्स रेट कम है। लेकिन, इसमें टैक्स डिडक्शन नहीं मिलता है। इस वजह से टैक्सपेयर्स की इसमें ज्यादा दिलचस्पी देखने को नहीं मिली है। आम लोगों का कहना है कि कम से कम लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस पर डिडक्शन नई टैक्स रीजीम में भी मिलना चाहिए।

Budget 2024 : आम आदमी को Nirmala Sitharaman के बजट 2024 से बहुत उम्मीदें हैं। हालांकि, वित्तमंत्री ने 7 दिसंबर को यह स्पष्ट कर दिया था कि यह बजट Interim Budget होगा। इसमें सरकार का फोकस वोट-ऑन-अकाउंट पर होगा। इसके बावजूद लोगों को उम्मीद है कि वित्तमंत्री 1 फरवरी को पेश केंद्रीय बजट में उन्हें राहत देगी। सरकार ने 2019 में अंतरिम बजट पेश किया था। 1 फरवरी, 2019 को पेश बजट में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कई बड़े ऐलान किए थे। किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि का ऐलान किया थ। टैक्सपेयर्स के लिए कई ऐलान बजट में किए गए थे। इससे टैक्सपेयर्स को काफी राहत मिली थी। आइए जानते हैं अंतरिम बजट 2024 से लोगों को क्या उम्मीदें हैं?

बजट 2024 : इनकम टैक्स की बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट बढ़ाई जाए

आम आदमी को सबसे ज्यादा उम्मीद इनकम टैक्स की बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट बढ़ने की है। अभी इनकम टैक्स की पुरानी रीजीम में बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट 2.50 लाख रुपये है। पिछले साल यूनियन बजट में वित्तमंत्री ने नई टैक्स रीजीम में एग्जेम्प्शन लिमिट बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी थी। आम आदमी को उम्मीद है कि इस बार बजट में वित्तमंत्री दोनों टैक्स रीजीम में यह लिमिट बढ़ाकर कम से कम 4 लाख रुपये करेंगी। इसकी वजह यह है कि यह लिमिट करीब 10 साल पहले तय की गई थी। इस बीच लोगों की सैलरी बढ़ी है। उसे ध्यान में रख इस लिमिट को बढ़ाना जरूरी है।


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बजट 2024 : सेक्शन 80सी की लिमिट बढ़नी चाहिए

इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स डिडक्शन मिलता है। अभी यह डिडक्शन सालाना 1.5 लाख रुपये है। इस सेक्शन के तहत करीब एक दर्जन इंस्ट्रूमेंट्स और निवेश माध्यम आते हैं। लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी, पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि जैसी स्कीमें इसमें शामिल हैं। दो बच्चों की ट्यूशन फीस पर डिडक्शन भी इसी सेक्शन के तहत मिलता है। आम लोगों की शिकायत है कि सिर्फ एजुकेशन फीस पर डिडक्शन क्लेम करने से 1.5 लाख रुपये की लिमिट का काफी ज्यादा हिस्सा खत्म हो जाता है। इसलिए वित्तमंत्री को सेक्शन 80सी की लिमिट बढ़ाने की जरूरत है।

बजट 2024 : नई टैक्स रीजीम में भी कुछ डिडक्शन मिलनी चाहिए

अभी इनकम टैक्स की नई रीजीम में टैक्स रेट कम है। लेकिन, इसमें टैक्स डिडक्शन नहीं मिलता है। इस वजह से टैक्सपेयर्स की इसमें ज्यादा दिलचस्पी देखने को नहीं मिली है। आम लोगों का कहना है कि कम से कम लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस पर डिडक्शन नई टैक्स रीजीम में भी मिलना चाहिए। इससे लोगों की दिलचस्पी नई टैक्स रीजीम में बढ़ेगी। मेडिकल सुविधाओं पर बढ़ते खर्च को देखते हुए हेल्थ इंश्योरेंस सब के लिए जरूरी हो गया है। इसी तरह लाइफ इंश्योरेंस भी जरूरी है। इससे परिवार को आर्थिक सुरक्षा मिलती है।

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बजट 2024 : होम लोन के इंटरेस्ट डिडक्शन बढ़ने की उम्मीद

होम लोन के इंटरेस्ट रेट्स पर डिडक्शन बढ़ने की भी उम्मीद लोग कर रहे हैं। अभी इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत होम लोन के इंटरेस्ट रेट पर सालाना 2 लाख रुपये का डिडक्शन मिलता है। लोगों का कहना है कि यह लिमिट करीब 10 साल पहले तय हुई थी। इस बीच घरों की कीमतें बढ़ने से ज्यादा अमाउंट के होम लोन की जरूरत पड़ती है। इसलिए वित्तमंत्री को इसे बढ़ाकर कम से कम 4 लाख रुपये करने की जरूरत है।

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