Union Budget 2024 : यूनियन बजट पेश होने की तारीख नजदीक आने के साथ ही इससे लोगों की उम्मीदें बढ़ने लगी हैं। वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman 1 फरवरी को केंद्रीय बजट 2024 पेश करेंगी। यह अंतरिम बजट होगा। Interim Budget में सरकार आम तौर पर बड़े ऐलान नहीं करती है। लेकिन, इस बार इकोनॉमी के हर सेक्टर को इस बजट से कई उम्मीदें हैं। केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद से एजुकेशन पर फोकस बढ़ा है। सरकार नए मेडिकल कॉलेज और नए प्रंबंधन संस्थान ओपन कर रही है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार को एजुकेशन की क्वालिटी बढ़ाने के साथ ही एजुकेशन पर अपना फोकस बनाए रखने की जरूरत है। एजुकेशन सेक्टर को निर्मला सीतारमण के अंतरिम बजट में कई ऐलान होने की उम्मीद है। आइए जानते हैं पिछले करीब एक दशक में एजुकेशन पर सरकार का खर्च कितना बढ़ा है।
बजट 2024 : इस वित्त वर्ष के लिए 1.12 लाख करोड़ आवंटन
सरकार ने वित्त वर्ष 2014-15 के पूर्ण बजट में एजुकेशन के लिए 82,777 करोड़ रुपये का आवंटन किया था। लेकिन, संशोधित प्रस्ताव में इसे घटाकर 70,505 करोड़ रुपये कर दिया था। इस वित्त वर्ष के लिए एजुकेशन के लिए आवंटन 1.12 लाख करोड़ रुपये है। इससे पता चलता है कि पिछले 10 साल एजुकेशन का आवंटन काफी बढ़ा है। इस वित्त वर्ष में एजुकेशन के आवंटित पैसे का बड़ा हिस्सा सेकेंडरी एजुकेशन, हायर एजुकेशन और एजुकेशन से जुड़ी स्कीमों के लिए है। इनमें समग्र शिक्षा अभियान, एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल और स्किल इंडिया जैसे प्रोग्राम शामिल हैं।
बजट 2024 : हर साल एजुकेशन के लिए बढ़ा है आवंटन
वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में सरकार ने एजुकेशन के लिए 1.04 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया था। इस तरह इस वित्त वर्ष में सरकार ने एजुकेशन के आवंटन में करीब 8.26 करोड़ रुपये का इजाफा किया था। वित्त वर्ष 2021-22 में सरकार ने एजुकेशन के लिए करीब 93 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया था। इस तरह सरकार ने साल 2014 से हर साल बजट में एजुकेशन के लिए आवंटन बढ़ाया है। लेकिन, एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह इजाफा पर्याप्त नहीं है। सरकार को एजुकेशन के लिए आवंटन में ज्यादा वृद्धि करने की जरूरत है। साथ ही क्वालिटी ऑफ एजुकेशन पर भी फोकस बढ़ाने की जरूरत है।
बजट 2024 : जीडीपी का 6 फीसदी एजुकेशन पर करना होगा खर्च
सरकार ने 2020 में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) पेश किया था। इसमें एजुकेशन पर जीडीपी का 6 फीसदी खर्च करने की बात कही गई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार को प्रारंभिक शिक्षा पर फोकस बढ़ाना होगा। साथ ही इसकी क्वालिटी में भी सुधार लाना होगा। शिक्षा का मामला राज्यों के तहत आता है। ऐसे में केंद्र सरकार को राज्यों से मिलकर बेसिक एजुकेशन के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने पर फोकस करना होगा। हायर एजुकेशन पर फोकस बढ़ाने के लाभ हुए हैं। देश में पिछले कुछ सालों में ग्लोबल स्टैंडर्ड्स के कई एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स खुले हैं।