Union Budget 2024: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को यूनियन बजट (Union Budget) पेश करेंगी। यह अंतरिम बजट होगा। अप्रैल-मई में लोकसभा चुनावों के बाद जो नई सरकार बनेगी, वह वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट पेश करेगी। यह निर्मला सीतारमण का छठा बजट होगा। पहली बार उन्होंने 5 जुलाई 2019 को बजट (Union Budget) पेश किया था। यह वित्त वर्ष 2019-20 का पूर्ण बजट था। उस साल लोकसभा चुनाव होने की वजह से सरकार ने अंतरिम बजट पेश किया था। इसे 1 अप्रैल को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पेश किया था। लोकसभा चुनावों के बाद केंद्र में दूसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनी थी। पीएम नरेंद्र मोदी ने निर्मला सीतारमण को वित्तमंत्री नियुक्त किया था।
बजट 2024 : टैक्सपेयर्स को बेसिक एग्जेम्पशन लिमिट बढ़ने की उम्मीद
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के छठे बजट से काफी उम्मीदे हैं। इसकी वजह यह है कि यह बजट लोकसभा चुनावों से कुछ महीने पहले आ रहा है। सबसे ज्यादा उम्मीद टैक्सपेयर्स को है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि वित्तमंत्री को इनकम टैक्स की नई रीजीम और पुरानी रीजीम दोनों में ही बेसिक एग्जेम्पशन लिमिट बढ़ाना चाहिए। अभी पुरानी रीजीम में टैक्स एग्जेम्पशन लिमिट 2.5 लाख रुपये सालान है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल यूनियन बजट में नई टैक्स रीजीम में टैक्स एग्जेम्पशन लिमिट बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी थी।
बजट 2024 : हेल्थ इंश्योरेंस पर डिडक्शन बढ़ाने की मांग
एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार को इनकम टैक्स सेक्शन 80डी के डिडक्शन को बढ़ाना चाहिए। इस सेक्शन के तहत हेल्थ पॉलिसी पर इनकम टैक्स डिडक्शन मिलता है। कोई व्यक्ति खुद और अपने परिवार के लिए हेल्थ पॉलिसी खरीदकर सालाना 25,000 रुपये का डिडक्शन क्लेम कर सकता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस लिमिट को बढ़ाकर कम से कम 50,000 रुपये करना चाहिए। कोई व्यक्ति अगर अपने माता-पिता के लिए हेल्थ पॉलिसी खरीदता है तो माता-पिता के सीनियर सिटीजन होने की स्थिति में हेल्थ पॉलिसी पर सालाना 50,000 रुपये का डिडक्शन मिलता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसे बढ़ाकर 75,000 रुपये करने की जरूरत है। कोरोना की महामारी के बाद से इंश्योरेंस कंपनियों ने हेल्थ पॉलिसी का प्रीमियम काफी बढ़ा दिया है। इसे ध्यान में रख सरकार को भी डिडक्शन बढ़ाना चाहिए।
बजट 2024 : होम लोन के इंटरेस्ट पर चाहिए ज्यादा डिडक्शन
अभी होम लोन के इंटरेस्ट पर सालाना 2 लाख रुपये के डिडक्शन की इजाजत है। पिछले 10 साल से इसे बढ़ाया नहीं गया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसे बढ़ाकर सरकार को कम से कम 4 लाख रुपये करने की जरूरत है। इसकी वजह यह है कि पिछले कुछ सालों में इंटरेस्ट रेट बढ़ने से होम लोन की ईएमआई बहुत बढ़ गई है। इससे होम लोन लेने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। होम लोन के इंटरेस्ट रेट पर डिडक्शन बढ़ाने से लाखों लोगों को फायदा होगा। इससे घर खरीदने में लोगों की दिलचस्पी बढ़ेगी।
बजट 2024 : पूंजीगत खर्च पर फोकस बनाए रखने से ग्रोथ बढ़ेगी
सरकार ने इस वित्त वर्ष में पूंजीगत खर्च के लिए करीब 10 लाख करोड़ रुयये का टारगेट रखा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार को पूंजीगत खर्च बढ़ाने पर अपना फोकस बनाए रखना चाहिए। पूंजीगत खर्च बढ़ाने के अच्छे फायदे दिखे हैं। दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं जब ग्रोथ के लिए संघर्ष कर रही हैं तब भारत की इकोनॉमी तेजी से बढ़ रही है। इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी की ग्रोथ 7.6 फीसदी रही। अगर सरकार अगले वित्त वर्ष के लिए पूंजीगत खर्च के लिए ज्यादा आवंटन करती है तो इससे इकोनॉमिक ग्रोथ की तेज रफ्तार जारी रह सकती है। साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर में भी सुधार आएगा।