ASK Auto IPO: ₹834 करोड़ के इश्यू में बोली लगाएं या नहीं? ब्रोकरेज का ये है रुझान, निवेश पर समझ लें रिस्क भी
ASK Auto IPO: दोपहिया गाड़ियों के लिए एडवांस ब्रेकिंग सिस्टम तैयार करने वाली आस्क ऑटो का 834 करोड़ रुपये का आईपीओ आज सब्सक्रिप्शन के लिए खुल चुका है। इस आईपीओ को लेकर निवेशकों का रुझान अभी तक फीका दिख रहा है लेकिन ब्रोकरेज इसे लेकर काफी पॉजिटिव हैं। यह इश्यू पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल का है। चेक करें ग्रे मार्केट में क्या रुझान और निवेश को लेकर रिस्क क्या हैं?
ASK Auto IPO में 9 नवंबर तक पैसे लगा सकेंगे। इस आईपीओ के लिए 268-282 रुपये का प्राइस बैंड और 53 शेयरों का लॉट फिक्स है।
ASK Auto IPO: दोपहिया गाड़ियों के लिए एडवांस ब्रेकिंग सिस्टम तैयार करने वाली आस्क ऑटो का 834 करोड़ रुपये का आईपीओ आज सब्सक्रिप्शन के लिए खुल चुका है। इस आईपीओ को लेकर निवेशकों का रुझान अभी तक फीका दिख रहा है लेकिन ब्रोकरेज इसे लेकर काफी पॉजिटिव हैं। यह इश्यू पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल का है। आईपीओ खुलने से पहले कंपनी ने मॉर्गन स्टैनले, गोल्डमैन सैक्स, न्यूबर्जर बर्मन, निप्पन लाइफ इंडिया, ICICI प्रू म्यूचुअल फंड, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, टाटा म्यूचुअल फंड समेत 25 एंकर निवेशकों से 250.20 करोड़ रुपये जुटाए थे।
ग्रे मार्केट में बात करें तो आईपीओ के अपर प्राइस बैंड के हिसाब से इसके शेयर 40 रुपये यानी 14.18 फीसदी की GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) पर ट्रेड हो रहे हैं। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय कंपनी के फाइनेंशियल्स और फंडामेंटल्स के आधार पर निवेश से जुड़ा फैसला लेना चाहिए।
आस्क ऑटो के 834 करोड़ रुपये के आईपीओ में 9 नवंबर तक पैसे लगा सकेंगे। इस आईपीओ के लिए 268-282 रुपये का प्राइस बैंड और 53 शेयरों का लॉट फिक्स है। इसका 50 फीसदी हिस्सा क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB), 15 फीसदी नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) और 35 फीसदी खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित है। इश्यू का रजिस्ट्रार लिंक इनटाइम है। बीएसई और एनएसई पर शेयरों की लिस्टिंग के लिए अभी दिन फिक्स नहीं है। शेयरों की बात करें तो ऑफर फॉर सेल (OFS) विंडो के तहत 2 रुपये की फेस वैल्यू वाले 2,95,71,390 इक्विटी शेयर जारी होंगे। कंपनी के प्रमोटर्स कुलदीप सिंह राठी और विजय राठी हैं।
आस्क ऑटो दोपहिया गाड़ियों के लिए ब्रेकशू और एडवांस्ड ब्रेकिंग सिस्टम्स बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी है। वित्त वर्ष 2023 में ओरिजिनल इक्विपमेंट मैनुफैक्चरर्स (OEM) और ब्रांडेड इंडेपेंडेंट आफ्टरमार्केट (IAM) को मिलाकर प्रोडक्शन वॉल्यूम के आधार पर इसका आधे मार्केट पर कब्जा है। जून 2023 तक के आंकड़ों के हिसाब से पांच राज्यों में इसके 15 प्लांट हैं। यह होंडा, हीरो, सुजुकी, टीवीएस, यामाहा, बजाज, रॉयल एनफील्ड, डेंसो और मैग्नेटी मरेल्ली को प्रोडक्ट्स की सप्लाई करती है।
वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2023 में इसका रेवेन्यू सालाना आधार पर 27 फीसदी उछलकर 2555 करोड़ रुपये और नेट प्रॉफिट भी 82.65 करोड़ रुपये से उछलकर 123 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। नेट प्रॉफिट मार्जिन सुधरकर 4.08 फीसदी से 4.79 फीसदी पर पहुंच गया। हालांकि कंपनी पर एडजस्टेड नेट कर्ज बढ़कर 315.78 करोड़ रुपये से 158.49 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
केनरा बैंक सिक्योरिटीज के मुताबिक यह आईपीओ वित्त वर्ष 2023 की कमाई के मुकाबले 45.63 गुना भाव पर है जो पियर्स के मुकाबले बहुत सही दिख रहा है। ऐसे में ब्रोकरेज ने इसे लिस्टिंग गेन के लिए सब्सक्राइब की सलाह दी है।
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रिलायंस सिक्योरिटीज के मुताबिक ओवरऑल इंडस्ट्री के मुकाबले आस्क की अधिक ग्रोथ का मोमेंटम बना रहेगा। इसका प्रोडक्ट बास्केट और डाईवर्सिफाई होगा, नए सॉल्यूशंस मुहैया करेगी और अपने प्रोडक्ट्स के लिए हर गाड़ी पर कंटेंट बढ़ाएगी। ऐसे में ब्रोकरेज ने इसे सब्सक्राइब की रेटिंग दी है।
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ब्रोकरेज फर्म स्वासित्क इनवेस्टमार्ट के मुताबिक आस्क के लॉन्ग टर्म ग्रोथ की संभावनाएं काफी अच्छी दिख रही हैं। ऐसे में ब्रोकरेज ने इसे लॉन्ग टर्म के लिए सब्सक्राइब की रेटिंग दी है।
निवेश को लेकर रिस्क क्या हैं?
कंपनी का अधिकतर कारोबार टॉप के तीन ग्राहकों पर निर्भर है। इन्ही तीन ग्राहकों से इसे 50 फीसदी से अधिक रेवेन्यू हासिल होता है। वहीं पिछले तीन वित्त वर्षों से सिर्फ एक ग्राहक से इसे करीब 30 फीसदी का रेवेन्यू मिलता है। इसका मतलब हुआ कि इनमें से कोई एक ग्राहक यह खो देती है या खरीदारी कम करती है तो आस्क ऑटो की वित्तीय सेहत को झटका लगेगा। इसके अलावा कंपनी कच्चे माल के लिए थर्ड पार्टी पर निर्भर है और इनमें से किसी सप्लॉयर्स के साथ इसने कोई एक्स्क्लूसिव अरेंजमेंट नहीं किया है यानी ये थर्ड पार्टी सप्लाई करने के लिए बाध्य नहीं हैं।
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