Coal India Share Price: सरकारी कोल माइन कंपनी कोल इंडिया के शेयरों में आज कमजोर मार्केट सेंटिमेंट में भी आग लगी हुई है। ब्रोकरेज फर्मों ने कोल इंडिया (Coal India) के शेयरों में खरीदारी का टारगेट बढ़ा दिया जिसके चलते शेयरों को पंख लग गए। इसके अलावा तगड़े डिविडेंड ने भी माहौल पॉजिटिव किया है। ब्रोकरेज ने इसका टारगेट प्राइस उम्मीद से बेहतर सितंबर तिमाही के चलते बढ़ाया है। इस वजह से न सिर्फ कोल इंडिया के शेयर 4 फीसदी से अधिक उछलकर एक साल के हाई पर पहुंच गए बल्कि निफ्टी 50 (Nifty 50) का टॉप गेनर आज यही है। मुनाफावसूली के चलते भाव में नरमी आई लेकिन अब भी यह काफी मजबूत स्थिति में है। दिन के आखिरी में NSE पर यह 5.26 फीसदी की बढ़त के साथ 349.25 रुपये पर बंद हुआ है। इंट्रा-डे में यह 350 रुपये तक पहुंचा था।
Coal India के लिए कैसी रही सितंबर तिमाही
हाई सेल्स और ज्वाइंट वेंचर में सुधार के चलते कोल इंडिया का शुद्ध मुनाफा सितंबर तिमाही में सालाना आधार पर 12.5 फीसदी उछलकर 6800 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इसके ज्वाइंट वेंचर ने इसे बढ़ाने में अहम योगदान किया। पिछले साल सितंबर तिमाही ज्वाइंट वेंचर को 140.75 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था और इस साल इसे 89.75 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है। इस दौरान कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू करीब 4 फीसदी उछलकर 3277 करोड़ रुपये, EBITDA करीब 12 फीसदी चढ़कर 10121 करोड़ रुपये और EBITDA मार्जिन 29.1 फीसदी रहा।
इसका वॉल्यूम 12 फीसदी उछल गया जिससे ई-नीलामी की कम कीमतों और स्टॉफ की अधिक लागत के असर को पाटने में मदद मिली। कोल इंडिया ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 15.25 रुपये के अंतरिम डिविडेंड का भी ऐलान किया और रिकॉर्ड डेट 21 नवंबर फिक्स किया है।
ब्रोकरेज का क्या है रुझान
जेफरीज इंडिया ने इसकी रेटिंग को होल्ड से बाय कर दिया है और टारगेट प्राइस 19 फीसदी बढ़ाकर 385 रुपये कर दिया है। सिर्फ जेफरीज ही नहीं बल्कि मोतीलाल ओसवाल ने भी टारगेट प्राइस 18 फीसदी बढ़ाकर 380 रुपये कर दिया और खरीदारी की रेटिंग बढ़ा दी। नुवामा ने भी इसकी खरीदारी की रेटिंग बरकरार रखी है और टारगेट प्राइस 323 रुपये से बढ़ाकर 404 रुपये कर दिया है। जेफरीज के मुताबिक भारत की मजबूत इकनॉमिक ग्रोथ आउटलुक और खपत में उछाल के चलते कोयले की मांग बढ़ी है। इसके चलते आने वाले समय में कोल इंडिया के कारोबार को सपोर्ट मिलेगा।
नुवामा के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-26 के बीच बिजली की मांग को पूरा करने के लिए कोल इंडिया का वॉल्यूम सालाना 6 फीसदी चक्रवृद्धि दर से बढ़ सकता है। मांग बढ़ने से कोल इंडिया को ऑपरेटिंग लीवरेज का भी फायदा मिलेगा क्योंकि एंप्लॉयी कॉस्ट वित्त वर्ष 2026 तक वित्त वर्ष 2023 के लेवल के नीचे बने रहने के आसार हैं। इसका एंप्लॉयी कॉस्ट करीब 8 फीसदी बढ़कप 11,650 करोड़ रुपये पर पहुंच गया लेकिन कोल इंडिया ने इसे लेकर बाकी ऑपरेटिंग कॉस्ट अच्छे से मैनेज किया।
नुवामा के मुताबिक इसकी कमाई सुधरी है और अब यह वित्त वर्ष 2018 से वित्त वर्ष 2022 के बीच के औसतन 25.1 हजार करोड़ रुपये के EBITDA से काफी अधिक EBITDA जेनेरट कर सकता है। मोतीाल ओसवाल के मुताबिक मजबूत परफॉरमेंस, वॉल्यूम में सुधरते आउटलुक, ई-नीलामी प्रीमियम और कम लागत के चलते यह काफी आकर्षक लेवल पर है।
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