गोल्डमैन सैक्स ग्रुप (Goldman Sachs Group) ने हॉन्ग कॉन्ग में ट्रेड होने वाले चाइनीज शेयरों की रेटिंग घटा दी है। वहीं भारतीय शेयरों पर इसका भरोसा बढ़ा है और रेटिंग बढ़ा दी। वैश्विक इनवेस्टमेंट बैंक ने कमाई की सुस्त ग्रोथ के चलते चाइनीज शेयरों की रेटिंग में यह कटौती की है। वहीं भारतीय मार्केट की स्ट्रैटजिक अपील के चलते वैश्विक बैंक गोल्डमैन ने भारतीय शेयरों की रेटिंग बढ़ा दी है। एशियाई मार्केट पर गोल्डमैन की रिपोर्ट में टिमोथी समेत कई स्ट्रैटेजिस्ट का यह मानना है कि मैक्रो लेवल के हिसाब से अब वैल्यूशन फेयर लेवल पर है तो ऐसे में रिटर्न अर्निंग्स पर निर्भर हो सकती है। इनवेस्टमेंट बैंक ने हॉन्ग कॉन्ग में लिस्टेड चाइनीज कंपनियों की रेटिंग घटाकर मार्केट-वेट और हॉन्ग कॉन्ग कंपनियों की अंडरवेट कर दी है।
लेकिन इन चाइनीज शेयरों पर अभी भी पॉजिटिव है Goldman
स्टॉक मार्केट में निगेटिव रुझान के बीच गोल्डमैन ने चाइनीज शेयरों की रेटिंग में इस साल कई बार कटौती की है। अगस्त में गोल्डमैन ने MSCI China Index की पूरे साल की EPS ग्रोथ अनुमान को 14 फीसदी से घटाकर 11 फीसदी कर दिया और इसके 12 महीने के टारगेट को 70 से घटाकर 67 कर दिया। अब तक यह करीब 3 फीसदी फिसल भी चुका है। हालांकि इसके बावजूद गोल्डमैन चीन के दूसरे देशों में लिस्टेड शेयरों को लेकर ओवरवेट बना हुआ है। गोल्डमैन के मुताबिक ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और न्यू इंफ्रा जैसे हाई प्रोडक्टिविटी और सेल्फ-सफिसिएंसी जैसे सेक्टर्स अच्छी ग्रोथ दिख रही है। वहीं घरेलू चाइनीज मार्केट में हाउसिंग सेक्टर की गिरावट, कर्ज के हाई लेवल और जनसंख्या से जुड़ी दिक्कतों के चलते रुझान निगेटिव हैं।
भारतीय शेयरों को लेकर क्यों पॉजिटिव है गोल्डमैन
गोल्डमैन के मुताबिक एशियाई मार्केट में भारत में स्ट्रक्चरल ग्रोथ की बेहतर संभावनाएं दिख रही हैं और कमाई मिड-टीन्स स्पीड यानी 15-17 फीसदी की दर से बढ़ सकती है। घरेलू स्तर पर ग्रोथ पर फोकस के चलते निवेशकों को मेक इन इंडिया, लॉर्ज-कैप कंपाउंडर्स और मिड-कैप मल्टीबैगर्स समेत कई अल्फा-जेनेरेटिंग थीम यानी निवेश के शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म मौके बन रहे हैं।