पिछले कुछ महीने से फर्जी स्टॉक मार्केट गुरु लोगों का X (पूर्व नाम Twitter) सतर्क लोगों का एक समूह भंडाफोड़ कर रहा है। हालांकि अब इन्ही सतर्क लोगों में से कुछ पर सवाल उठने लगे हैं। फर्जी स्टॉक मार्केट गुरु अपने कोर्सेज और स्टॉक टिप्स बेचने के लिए अपने ट्रेडिंग प्रॉफिट एंड लॉस (P&L) में हेरफेर कर गलत तरीके से पेश करते हैं। इनकी इस हेराफेरी को कुछ लोगों ने पकड़ लिया। हालांकि अब सामने आ रहा है कि इनका भंडाफोड़ करने वालों में से कुछ खुद अपनी बाजार सजा रहे हैं। हालांकि उन्होंने सभी आरोपों से इनकार किया है।
फर्जी मार्केट गुरुओं का भंडाफोड़ करने वाले एक ट्विटर स्पेस रिकॉर्डिंग आरुष सरना (Arush Sarna) क्रॉसहेयर (Crosshair) के नाम से मशहूर हैं। उन्हें पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस (PMS) के मामले में पकड़ा गया है। इस सर्विस को मुहैया कराने के लिए बाजार नियामक सेबी से लाइसेंस लेना पड़ता है तो ऐसे में अगर आरुष ऐसी सर्विसेज बिना लाइसेंस के दे रहे हैं तो यह गैरकानूनी है। मनीकंट्रोल से बाद में बातचीत में आरुष ने ऐसी कोई भी सर्विसेज देने से इनकार किया है। उनका कहना है कि जो भी दावे किए जा रहे हैं, वह रिकॉर्डिंग के दौरान गहमा-गहमी का हिस्सा है लेकिन रिकॉर्डिंग में विपरीत बातें सामने आ रही हैं।
क्या विपरीत बातें आ रही है सामने
आरुष ने पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज देने से इनकार किया है लेकिन स्पेस रिकॉर्डिंग से कुछ और ही सामने आ रहा है। जैसे कि स्पेस में एक यूजर ने आरुष पर आरोप लगाया कि उसके पोर्टफोलियो को उन्होंने इतनी बुरी तरह से मैनेज किया कि उसे घाटा हो गया। अब उन्होंने यह कहने की बजाय वह किसी और के पैसों को मैनेज नहीं करते क्योंकि उनके पास लाइसेंस नहीं है, उन्होंने यह कहा कि वह किसी भी हाई रिटर्न का वादा नहीं करते हैं।
इसमें आरुष कह रहे हैं, "लोग मेरे पास आते हैं कि भाई प्लीज प्लीज मेरा अकाउंट ले लो, और मैं स्क्रीनिंग करता हूं कि सामने वाले की औकात क्या है, उस औकात के हिसाब से वो कैपिटल दे रहा हैं तो मेरे को फीजिबल लगता है।" इस में एक जगह वे एक यूजर को चुनौती देते हुए कह रहे हैं कि वह किसी भी ग्राहक से यह कहलवा दे कि उसने इसमें शामिल जोखिमों का खुलासा किए बिना उसे सुनिश्चित रिटर्न का वादा किया है।
फर्जी मार्केट गुरु से भी ज्यादा खतरनाक हैं मनी मैनेजर्स
स्टॉक मार्केट के फर्जी गुरुओं का भंडाफोड़ करने वाले सतर्क लोगों में शामिल एक शख्स जुबेर खान (Zubare Khan) पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज देने वालों को अधिक बड़ा खतरा बताया है। उन्होंने इसे और बड़ा स्कैम कहा। हालांकि जुबेर का कहना है कि उनके पास इस बात का कोई सबूत नहीं है कि आरुष ने किसी और के पैसे को मैनेज किया और इससे क्लाइंट को घाटा हुआ। PMS दो तरीके से काम करता है। एक में क्लाइंट या तो अपना पैसा फंड मैनेजेर के खाते में ट्रांसफर कर देता है और दूसरा ये कि क्लाइंट अपने ट्रेडिंग अकाउंट की लॉग इन डिटेल्स मैनेजर को दे देता है। दोनों ही तरीके में ऐसे फंड मैनेजर के पास थर्ड पार्टी के पैसों का मैनेज करने का कोई लाइसेंस नहीं होता है लेकिन मार्केट में अपने रेपुटेशन के आधार पर क्लाइंट्स हासिल करते हैं। हालांकि जुबेर के मुताबिक अपने ट्रेडिंग अकाउंट का लॉग इन डिटेल्स देने के मामले में कुछ साबित करना बहुत मुश्किल है।
आरुष ने मनीकंट्रोल से बातचीत में कहा कि वह सिर्फ अपने मित्रों और परिवार के सदस्यों के ट्रेडिंग अकाउंट को मैनेज करते हैं। उन्होंने इसकी वजह ये बताई कि इनमें से ज्यादातर लोग भारत के बाहर रहते हैं तो अलग-अलग समय होने के चलते उन्हें स्टॉक मार्केट की चाल को ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है। आरुष का कहना है कि इसके लिए वह किसी से कोई पैसे नहीं लेते हैं।