सर्दियों के मौसम में ताजी और पौष्टिक सब्जियां खाने का मजा ही कुछ और होता है। लेकिन आजकल बाजार में सब्जियों की बढ़ती कीमतें रसोई का बजट बिगाड़ देती हैं। ऐसे में घर पर गमले या छोटे कंटेनर में पालक उगाना एक शानदार और किफायती विकल्प साबित होता है। घर पर उगाया हुआ पालक न केवल ताजा और हरा-भरा होता है, बल्कि रसायन मुक्त होने के कारण सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है। थोड़ी सी देखभाल, सही मिट्टी और पानी देने की तकनीक अपनाकर आप सिर्फ 40-50 दिनों में ही अपनी रसोई के लिए भरपूर पालक की उपज तैयार कर सकते हैं।
इससे न केवल आपके खाने का पोषण बढ़ेगा बल्कि परिवार की सेहत में भी सुधार आएगा। घर पर खुद उगाई हुई पालक का स्वाद और खुशबू बाजार की सब्जियों से कहीं बेहतर होती है।
पालक आयरन, कैल्शियम और विटामिन C का बेहतरीन स्रोत है। ये हड्डियों को मजबूत बनाने, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और खून की कमी को दूर करने में मदद करता है। घर पर उगाया गया पालक ताजा और रसायन मुक्त होने के कारण इसके पोषक तत्व और भी अधिक प्रभावी होते हैं।
सही गमले और मिट्टी का चयन
पालक उगाने के लिए 4-6 इंच गहरा गमला या कंटेनर सबसे उपयुक्त है। गमले में अच्छी मिट्टी और जैविक खाद (कम्पोस्ट) मिलाकर बीज बोएं। बीजों को 2-3 इंच की दूरी पर लगाएं और हल्की मिट्टी की परत से ढक दें। इससे बीज आसानी से अंकुरित होंगे और स्वस्थ पौधे बनेंगे।
बुवाई के तुरंत बाद मिट्टी को हल्का गीला करें। ध्यान रखें कि ज्यादा पानी न दें, नहीं तो मिट्टी में सड़न आ सकती है। रोजाना हल्का पानी देना पर्याप्त है। गमले को ऐसी जगह रखें जहां दिन में कम से कम 6 घंटे धूप आती हो, ताकि पौधे मजबूत और हरे-भरे बने रहें।
हर 15 दिन में थोड़ी जैविक खाद डालने से पौधों की वृद्धि तेज होगी और पत्तियां अधिक हरी और मोटी होंगी। उचित देखभाल से एक महीने के भीतर ही ताजा पालक तैयार हो जाता है, जिसे आप सीधे तोड़कर रसोई में इस्तेमाल कर सकते हैं।
पालक के पौधों को कम रोशनी में रखने से वे पीले पड़ सकते हैं या बढ़ना बंद कर सकते हैं। वहीं, ज्यादा पानी देने से जड़ें सड़ सकती हैं। इसलिए पानी और प्रकाश का संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। रासायनिक खादों का इस्तेमाल कम से कम करें, क्योंकि जैविक खाद पौधों के लिए अधिक फायदेमंद है।
घर का ताजा और रसायन मुक्त पालक
घर पर उगाया गया पालक न केवल स्वादिष्ट होता है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। इसे दाल, पराठे, सब्जी या सूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। ताजा और रसायन मुक्त पालक खाने से परिवार की सेहत बेहतर रहती है और बाजार के महंगे पालक पर खर्च बचता है।