Strawberry Farming Tips: लाल और रसीली स्ट्रॉबेरी से कमाएं लाखों, सीखें आसान खेती का तरीका!

Strawberry Farming Tips: नीलगिरी जिले में स्ट्रॉबेरी की खेती किसानों के लिए अब बेहद लाभदायक विकल्प बन चुकी है। पुणे से लाए गए पौधे यहां की ठंडी जलवायु में आसानी से उगते हैं। सही देखभाल और नियमित कटाई से लाल, ताज़ा और स्वादिष्ट फल तैयार होते हैं, जो स्थानीय और विदेशी बाजारों में अच्छी कीमत पर बिकते हैं

अपडेटेड Oct 08, 2025 पर 3:00 PM
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Strawberry Farming Tips: नीलगिरी की स्ट्रॉबेरी न केवल स्वाद में बेहतरीन है बल्कि इसे विदेशी देशों में भी निर्यात किया जाता है।

नीलगिरी जिले में स्ट्रॉबेरी की खेती अब किसानों के लिए बेहद लाभदायक विकल्प बन चुकी है। पुणे से लाए जाने वाले पौधे यहां की हल्की और ठंडी जलवायु में आसानी से उग जाते हैं और उनका स्वाद भी अनोखा होता है। किसान इन पौधों की विशेष देखभाल करते हैं, जैसे कि नियमित पानी देना, पौधों को पर्याप्त धूप मिलना और पौधों की जड़ों तथा मिट्टी की सही देखभाल करना। स्ट्रॉबेरी की ये खासियत है कि इसे एक बार लगाने के बाद लगभग 10 महीने तक लगातार फल मिल सकता है। इसकी फसल न केवल स्थानीय बाजारों में बिकती है बल्कि विदेशों में भी निर्यात की जाती है, जिससे किसानों को अच्छी आमदनी होती है। इस खेती में निवेश थोड़ी मेहनत और सही तकनीक से ही किया जाता है, लेकिन इसका लाभ लंबे समय तक मिलता है।

इसके अलावा, स्ट्रॉबेरी की ये फसल किसानों को स्थायी आय देती है और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत बनाती है। सही देखभाल और नियमित कटाई से लाल, ताजगी भरे और स्वादिष्ट फल तैयार होते हैं। नीलगिरी में स्ट्रॉबेरी की खेती न केवल आर्थिक दृष्टि से लाभकारी है बल्कि ये किसानों के लिए भरोसेमंद और सुरक्षित निवेश भी साबित हो रही है।

एक बार लगाएं, 10 महीने तक कटाई


स्ट्रॉबेरी की ये खासियत है कि एक बार पौधा लगाने के बाद इसे लगभग 10 महीने तक लगातार काटा जा सकता है। ये अन्य पहाड़ी सब्जियों की तुलना में बहुत लंबी अवधि तक उत्पादन देता है। किसान इसे छत या खपरैल जैसी संरचना में उगाते हैं ताकि मौसम और पक्षियों से फसल की सुरक्षा हो सके।

स्ट्रॉबेरी की देखभाल और कटाई

किसान बताते हैं कि पौधे की देखभाल छोटे बच्चों की तरह करनी पड़ती है। फल को तभी तोड़ना चाहिए जब पौधे का आधा हिस्सा लाल और आधा हरा हो। नियमित पानी देना, पौधों की जड़ों और मिट्टी की देखभाल करना, और सही समय पर छंटाई करना आवश्यक है। सही देखभाल से पौधे अधिक उपज देते हैं और लाल, स्वादिष्ट फल तैयार होते हैं।

बाजार और मुनाफ़ा

नीलगिरी में उगाई गई स्ट्रॉबेरी स्थानीय बाजारों में 250 से 500 रुपये प्रति किलो की दर से बिकती है। किसानों का अनुमान है कि प्रति किलो उन्हें लगभग 100 से 150 रुपये का मुनाफ़ा होता है। हरे फल की कोई खास मांग नहीं होती, इसलिए केवल लाल और पूरी तरह पकने वाले फल ही बेचे जाते हैं।

स्ट्रॉबेरी की खेती का बदलता रुझान

पहले ज्यादातर व्यापारी ही स्ट्रॉबेरी की खेती करते थे। लेकिन हाल के वर्षों में कीमतों में गिरावट के कारण किसान अन्य सब्जियों की ओर रुख कर रहे हैं। फिर भी जो किसान सही तरीके से स्ट्रॉबेरी की देखभाल करते हैं, उन्हें अच्छी पैदावार और लाभ दोनों मिल रहे हैं।

नीलगिरी में स्ट्रॉबेरी का महत्व

नीलगिरी की स्ट्रॉबेरी न केवल स्वाद में बेहतरीन है बल्कि इसे विदेशी देशों में भी निर्यात किया जाता है। ये किसानों के लिए स्थायी आय का स्रोत बनती जा रही है। उचित तकनीक और नियमित देखभाल के साथ, ये फसल 10 महीने तक निरंतर लाभ देने की क्षमता रखती है।

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