आज के समय में खेती-किसानी में नयी तकनीक और आधुनिक तरीकों का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है, जिससे किसानों की आमदनी में लगातार इजाफा हो रहा है। पारंपरिक फसलों के मुकाबले अब सब्जियों की खेती अधिक लाभकारी साबित हो रही है क्योंकि ये कम समय में तैयार हो जाती हैं और बाजार में इनकी मांग हमेशा बनी रहती है। खासकर पत्ता गोभी और शिमला मिर्च जैसी सब्जियां किसानों के लिए आय का एक बड़ा स्रोत बन गई हैं। इनकी खेती करना न केवल आसान है बल्कि इनका उत्पादन भी जल्दी होता है, जिससे किसान जल्दी मुनाफा कमा सकते हैं।
सर्दियों का मौसम इन फसलों के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है, क्योंकि ठंड के समय में इनकी उपज अच्छी होती है और कीमत भी अधिक मिलती है। पत्ता गोभी और शिमला मिर्च को सब्जियों के अलावा कई व्यंजनों और उद्योगों में इस्तेमाल किया जाता है, जिससे इनके दाम में लगातार स्थिरता और बढ़ोतरी रहती है।
सर्दियों में सबसे बढ़िया उपज
पत्ता गोभी और शिमला मिर्च की खेती के लिए ठंड का मौसम सबसे उपयुक्त माना जाता है। ठंड के दौरान इनकी उपज बेहतर होती है और मुनाफा भी अधिक मिलता है। किसान कम समय में अच्छी फसल निकालकर लाखों रुपए तक की कमाई कर सकते हैं।
बाराबंकी के बड़ेल गांव के युवा किसान ललित बताते हैं कि तीन-चार सालों से सब्जियों की खेती कर रहे हैं। उनका कहना है कि अन्य फसलों के मुकाबले सब्जियों में प्रॉफिट ज्यादा रहता है। एक एकड़ में पत्ता गोभी और शिमला मिर्च लगाकर वे हर फसल पर 1 से डेढ़ लाख रुपए तक कमा रहे हैं।
शिमला मिर्च की प्रति बीघा लागत लगभग 18–20 हजार रुपये है, जबकि पत्ता गोभी में 3–4 हजार रुपये की लागत आती है। हालांकि, बाजार में इनकी मांग अधिक होने की वजह से मुनाफा 1–1.5 लाख रुपए तक पहुंच जाता है।
सबसे पहले बीजों की नर्सरी तैयार की जाती है। खेत की गहरी जुताई के बाद शिमला मिर्च के पौधे मेड पर थोड़ी-थोड़ी दूरी पर लगाए जाते हैं। पत्ता गोभी की रोपाई लाइन टू लाइन होती है। इसके बाद तुरंत पानी की सिंचाई की जाती है।
पत्ता गोभी लगभग 20–25 दिन में तैयार हो जाती है, जबकि शिमला मिर्च की फसल ढाई से तीन महीने में पूरी होती है। इस तरह, किसान कम समय में ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं।