Delhi blast Hyundai i20: दिल्ली विस्फोट मामले में Hyundai i20 के मालिक ने की ये बड़ी गलतियां, जानें पूरी डिटेल

Delhi blast Hyundai i20: सोमवार को दिल्ली के मशहूर लाल किले के पास एक Hyundai i20 कार में हुए भीषण विस्फोट को आत्मघाती बम विस्फोट माना जा रहा है। विस्फोट की जांच से पता चला है कि कैसे i20 को बिना रजिस्ट्रेशन के ट्रांसफर किए, कई राज्यों में कई बार बेचा गया।

अपडेटेड Nov 11, 2025 पर 5:05 PM
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दिल्ली विस्फोट मामले में Hyundai i20 के मालिक ने की ये बड़ी गलतियां, जानें पूरी डिटेल

Delhi blast Hyundai i20: दिल्ली के मशहूर लाल किले के पास सोमवार शाम एक Hyundai i20 कार में हुए भीषण विस्फोट में 9 लोगों की मौत हो गई और 20 लोग घायल हो गए। जिसके बाद से ही दिल्ली हाई अलर्ट पर है। इस विस्फोट को आत्मघाती बम विस्फोट माना जा रहा है। विस्फोट की जांच से पता चला है कि कैसे i20 को बिना रजिस्ट्रेशन के ट्रांसफर किए, कई राज्यों में कई बार बेचा गया।

हालांकि, सेकंड-हैंड कार बेचते समय मालिकाना हक ट्रांसफर करना बहुत जरूरी होता है, लेकिन अक्सर इसे लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। इसलिए अपने आपको किसी भी कानूनी परेशानी से बचाने के लिए, कार खरीदते या बेचते समय कुछ आसान नियमों का पालन करना चाहिए।

कानूनी मालिकाना हक ट्रांसफर किए बिना कार बेचना


Hyundai i20, जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर - HR26CE7674 है, का निर्माण वर्ष 2013 में हुआ था। वर्ष 2014 में, कार को उसका दूसरा मालिक - गुड़गांव निवासी सलमान - मिला। हालांकि, बाद में कार को दिल्ली के ओखला निवासी देवेंद्र को बेच दिया गया। इसके बाद, यह अंबाला के एक व्यक्ति के पास पहुंची, और फिर, जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में इसका नया मालिक आमिर मिला।

यह सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ, बल्कि इसे डॉ. उमर मोहम्मद को सौंप दिया गया, जिस पर आत्मघाती हमलावर होने का संदेह है। बिक्री का सिलसिला जारी रहा, लेकिन मालिकाना हक नए मालिकों को कभी ट्रांसफर नहीं किया गया। चूंकि बाद के मालिक कभी भी कार के कानूनी मालिक नहीं रहे, इसलिए दूसरे मालिक - सलमान - को परेशानी हुई। यह इस बात को समझाता है कि अपनी कार हमेशा सही तरीके से मालिकाना हक ट्रांसफर करके ही बेचनी चाहिए।

भरोसेमंद पुरानी कार बिक्री प्लेटफॉर्म के जरिए बेचें

दिल्ली बम विस्फोट में शामिल i20 कार, विस्फोट से ठीक चार दिन पहले, फरीदाबाद में रॉयल कार जोन के एक डीलर 'सोनू' के जरिए आखिरी बार बेची गई थी। ऐसा लगता है कि डीलर ने कुछ खर्च बचाने के लिए कार को नए मालिक के नाम पर रजिस्टर्ड कराने की बात नजरअंदाज कर दी, और इस वजह से आखिरी मालिक भी संदिग्धों की सूची में शामिल हो गया।

इसलिए, हमेशा यह सलाह दी जाती है कि आप अपने वाहन को किसी भरोसेमंद कार बिक्री प्लेटफॉर्म के जरिए बेचें, जो मालिकाना हक ट्रांसफर की पुष्टि और पूरी जांच-पड़ताल की गारंटी देता हो।

सभी वाहन दस्तावेज तैयार रखें

चूकि कार अलग-अलग खरीदारों के पास जा रही थी, इसलिए किसी ने भी मालिक के रिकॉर्ड पर ध्यान नहीं दिया। इसलिए, अपनी कार को बिक्री के लिए रखने से पहले, मालिक को सभी दस्तावेज तैयार रखने चाहिए। इसमें आरसी बुक, इंश्योरेंस सर्टिफिकेट, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट, सर्विस हिस्ट्री और टैक्स रसीदें शामिल हैं। खरीदार और डीलर अक्सर ट्रांसफर को सुचारू बनाने के लिए पूरी डॉक्यूमेंटेशन मांगते हैं। इसी तरह, इस्तेमाल की गई कार की पेमेंट करने से पहले उसके मालिकाना हक का इतिहास जरूर जांचें

इंश्योरेंस सही तरीके से ट्रांसफर करें

भविष्य में किसी भी जिम्मेदारी से बचने के लिए सुनिश्चित करें कि मौजूदा इंश्योरेंस पॉलिसी नए मालिक को ट्रांसफर हो। मालिकाना हक बदलते ही आप चाहें तो पुरानी पॉलिसी को कैंसल भी कर सकते हैं। मालिकाना हक के तेजी से ट्रांसफर के लिए बिक्री से पहले किसी भी लंबित लोन, चालान या सर्विस शुल्क का निपटान करें। साफ रिकॉर्ड ट्रांसफर प्रक्रिया को तेज बनाता है।

RTO रिकॉर्ड अपडेट करें

आधिकारिक रूप से मालिकाना हक ट्रांसफर के लिए RTO में फॉर्म 28, 29 और 30 जमा करें। फॉर्म 28 नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) देने से संबंधित है, जबकि फॉर्म 29 और 30 मालिकाना हक ट्रांसफर से संबंधित हैं। बाद में कानूनी समस्याओं के मामले में सबमिशन की रसीद की कॉपी रखना जरूरी है।

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