GST Reforms India 2025: GST में सुधार होने से 8% तक सस्ती हो सकती हैं छोटी कारें, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

GST Reforms India 2025: त्योहारों का सीजन शुरू होने से पहले केंद्र सरकार जीएसटी (GST) ढांचे में बदलाव की तैयारी कर रही है। सेक्टर एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस कदम का असर खासतौर पर छोटी कारों और एंट्री-लेवल टू-व्हीलर्स की बिक्री पर पड़ सकता है।

अपडेटेड Aug 20, 2025 पर 10:29 AM
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GST में सुधार होने से 8% तक सस्ती हो सकती हैं छोटी कारें, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

GST Reforms India 2025: स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) सुधारों के ऐलान के बाद से ही देशभर में कई वस्तुओं और सेवाओं के सस्ते होने की चर्चा शुरू हो गई है। लालकिले से दिए संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि यह जीएसटी रिफॉर्म दिवाली से पहले अक्टूबर में लागू किया जा सकता है, जिसे आम जनता के लिए एक तरह का दिवाली गिफ्ट माना जा रहा है। इस सुधार का असर ऑटोमोबाइल सेक्टर पर भी पड़ सकता है, क्योंकि वाहनों की कीमतों में बड़ी गिरावट की उम्मीद जताई जा रही है। HSBC की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, अगर छोटी कारों पर GST की दर 28% से घटाकर 18% कर दी जाती है, तो इनकी कीमतों में करीब 8% तक की कमी आ सकती है।

बताया जा रहा है केंद्र सरकार ने जीएसटी स्लैब में सुधार के लिए प्रस्ताव दिया है और यदि यह प्रस्ताव माना जाता है तो छोटी कारों की कीमत में तगड़ी कमी आएगी। इससे फेस्टिव सीजन के मौके पर ऑटो सेक्टर को तगड़ा लाभ मिल सकता है। बशर्ते GST सुधार में ये ऐलान दिवाली के पहले घोषित किया जाए। लेकिन जीएसटी में बदलाव की चर्चा ने ग्राहकों को फिलहाल ‘वेट एंड वॉच’ की स्थिति में डाल दिया है।

आपको यह भी बता दें कि पेट्रोल-डीजल इंजन वाली सभी गाड़ियां यानी पैसेंजर व्हीकल, टू-व्हीलर, थ्री-व्हीलर और कमर्शियल व्हीकल 28% जीएसटी स्लैब में आते हैं। वहीं, इलेक्ट्रिक वाहन 5% और हाइड्रोजन फ्यूल सेल वाहन 12% स्लैब में हैं। इसके अलावा, गाड़ियों पर 0 से 22% तक का कम्पनसेशन सेस भी लगता है। सरकार अब 12% और 28% वाले स्लैब हटाकर 5% और 18% स्लैब रखने की तैयारी कर रही है। इसका मतलब है कि आम ग्राहकों की गाड़ियां 18% स्लैब में आ जाएंगी जबकि लग्जरी गाड़ियों पर नया 40% टैक्स लगाया जा सकता है। टैक्स में यह कमी एक्स-शोरूम कीमत को सीधे घटा देगी।


ऑटो एक्सपर्ट्स ने क्या कहा?

ऑटो एक्सपर्ट्स का कहना है कि कीमतों में संभावित कमी से उपभोक्ता अभी गाड़ियां खरीदने के बजाय इंतजार करेंगे। हालांकि, लंबे समय में यह कदम ग्राहकों के लिए फायदेमंद साबित होगा क्योंकि गाड़ियां सस्ती हो जाएंगी। अनुमान है कि एक पॉपुलर एंट्री-लेवल कार 36,000 रुपये तक और सबसे ज्यादा बिकने वाली बाइक 6,200 रुपये तक सस्ती हो सकती है। यही वजह है कि त्योहारी सीजन की शुरुआती सेल्स कुछ हद तक धीमी रह सकती है, लेकिन दीवाली तक इसमें सुधार की उम्मीद है।

इसी बीच, SIAM के आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल से जुलाई 2025 के बीच पैसेंजर व्हीकल की बिक्री 0.7% और टू-व्हीलर की बिक्री 2.9% घट गई है। कंपनियां त्योहारों के सीजन से मांग बढ़ने की उम्मीद कर रही हैं। मारुति सुजुकी का कहना है कि पहली तिमाही कमजोर रही, लेकिन दूसरी तिमाही और त्योहारों से उम्मीदें हैं। वहीं, हीरो मोटोकॉर्प का मानना है कि महंगाई घटने, RBI द्वारा ब्याज दरों में कमी और अच्छे मानसून की वजह से मांग में तेजी आएगी।

संभल जाएगा छोटी कारों का बाजार

बता दें कि पिछले कुछ सालों में एंट्री लेवल छोटी कारों का बिजनेस बुरी तरह प्रभावित हुआ है। 5 लाख रुपये से भी कम कीमत में आने वाली एंट्री लेवल कारें, जिनकी बिक्री वित्तीय वर्ष-16 में 10 लाख से ज्यादा यूनिट्स की थी वो वित्तीय वर्ष-25 में घटकर 25,402 यूनिट पर आ गिरी हैं। कुल कार बिक्री में हैचबैक कारों की हिस्सेदारी आधी रह गई है, जो 2020 में 47% से घटकर 2024 में 24% हो गई है। ऐसे में यदि छोटी कारों पर टैक्स का बोझ कम होता है तो लोग इन कारों को खरीदने की कोशिश करेंगे जिससे इनकी बिक्री बढ़ने की उम्मीद है।

कुल मिलाकर, GST ढांचे में बदलाव, ग्राहकों को लंबे समय में राहत देगा, लेकिन फिलहाल खरीद टलने से ऑटो कंपनियों को त्योहारों की शुरुआत में थोड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

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Ashwani Kumar Srivastava

Ashwani Kumar Srivastava

First Published: Aug 20, 2025 10:26 AM

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