Union budget 2025 : बजट में सरकार का ड्रोन पर बड़ा फोकस हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक बजट में ड्रोन कॉम्पोनेंट्स के लिए इनसेंटिव स्कीम लाई जा सकती है। इस पर ज्यादा डिटेल जानकारी देते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के रोहन सिंह ने सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के आधार पर बताया कि बजट में ड्रोन सेक्टर को बढ़ावा देने को लिए सरकार ड्रोन कॉम्पोनेंट्स के लिए इनसेंटिव स्कीम ला सकती है। इसके लिए करीब 1000 करोड़ रुपए की स्कीम का प्रस्ताव है।
सूत्रों के मुताबिक इसके लिए नागरिक विमानन मंत्रालय स्कीम बना रहा है। इस स्कीम में कॉम्पोनेंट्स के लिए PLI और R&D फंड संभव है। इस स्कीम में ड्रोन बनाने के बजाय ड्रोन कंपोनेंट बनाने पर फोकस होगा। बता दें कि ड्रोन बनाने में अभी लगभग 75 फीसदी कंपोनेंट आयात होते हैं। सूत्रों का कहना है कि इस स्कीम में कंपोनेंट के साथ सॉफ्टवेयर के लिए भी इनसेंटिव का प्रस्ताव हो सकता है। गौरतलब है कि 120 करोड़ की ड्रोन PLI स्कीम पिछले साल खत्म हो गई है।
ध्यान देने की बात है कि डिफेंस के अलावा तमाम क्षेत्रों में ड्रोन का इस्तेमाल हो सकता है। कृषि में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में देश में ड्रोन बनाने वाली प्रमुख कंपनी प्रखर सॉफ्टवेयर सॉल्यूशंस ने सरकार के साथ मिलकर एक प्रोजेक्ट शुरू किया है। कंपनी ने किसानों की सहायता करने और उन्हें एग्री-ड्रोन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के फायदों के बारे में प्रशिक्षित करने के लिए 1500 एकड़ से अधिक भूमि में सरकारी संस्थाओ के साथ पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है।
इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन (IBEF) का कहना है कि ड्रोन का उपयोग सटीक खेती, फसल निगरानी, मिट्टी विश्लेषण, सिंचाई प्रबंधन और प्लांटिंग जैसे कामों में प्रमुख रूप से हो सकता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत में ग्लोबल स्तर पर चीनी ड्रोन पर निर्भरता को दूर करने की क्षमता है,क्योंकि तमाम विकसित देश चीन प्लस वन रणनीति अपना रही हैं। ऐसे में भारत के पास इस मौके का फायदा उठाने का सही मौका है।