क्रिप्टोकरेंसी के निवेशकों को जल्द खुशखबरी मिलने जा रही है। 1 फरवरी को यूनियन बजट में सरकार क्रिप्टोकरेंसी के टैक्स के नियमों का ऐलान करेगी। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने यूनियन बजट 2022 में क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स के कुछ नियमों का ऐलान किया था। लेकिन, उन्होंने कहा था कि सरकार रिजर्व बैंक (आरबीआई) और दूसरे रेगुलेटर्स से बातचीत के बाद क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स के व्यापक नियमों का ऐलान करेगी। उसके बाद से सरकार के क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स के नियम पेश नहीं किए हैं।
क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स के नियम आसान होने चाहिए
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के निवेशकों को उम्मीद है कि 1 फरवरी को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क का ऐलान करेंगी। क्रिप्टोकरेंसी के कैपिटल गेंस पर टैक्स घटाएंगी। क्रिप्टोकरेंसी के निवेशकों का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी के कैपिटल गेंस पर उतना ही टैक्स लगना चाहिए जितना दूसरे एसेट क्लास के कैपिटल गेंस पर टैक्स लगता है। इंडिया में सरकार और RBI एक एसेट क्लास के रूप में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के खिलाफ रहे हैं। सरकार और आरबीआई का मानना है कि चूंकि क्रिप्टोकरेंसी किसी रेगुलेशन के तहत नहीं आती है, जिससे इसकी कीमतों में अचानक गिरावट आने से निवेशकों को बड़ा नुकसान हो सकता है।
क्रिप्टो को दूसरे एसेट क्लास जैसा दर्जा मिलना चाहिए
क्रिप्टोकरेंसी इंडस्ट्री से जुड़े एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार ने 2022 में क्रिप्टो पर टैक्स के नियमों का ऐलान किया था। यह सरकार की तरफ से एक पॉजिटिव कदम था। इससे यह संकेत मिला था कि सरकार क्रिप्टो को लेकर प्रोग्रेसिव एप्रोच अपनाना चाहती है। लेकिन, उसके बाद से सरकार की तरफ से इस बारे में कोई ऐलान नहीं हुआ है। सरकार को क्रिप्टोकरेंसी को वही दर्जा देना चाहिए, जो दूसरे एसेट क्लास को हासिल है। इंडिया में बड़ी संख्या में इनवेस्टर्स खासकर युवा इनवेस्टर्स क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी को जल्द कानूनी स्टेटस मिलना चाहिए
क्रिप्टो इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों का कहना है कि सरकार ने भले ही 2023 में टैक्स के कुछ नियमों का ऐलान किया था, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी के कानूनी दर्जे के बारे में कुछ नहीं कहा था। क्रिप्टो इंडस्ट्री लंबे समय से सरकार से क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी दर्जा देने की मांग कर रही है। बिटगेट की सीईओ ग्रेसी चेन ने कहा, "क्रिप्टोकरेंसी पर इंडिया में सरकार के रुख पर दुनियाभर की नजरें लगी हैं। यह क्रिप्टोकरेंसी के इकोसिस्टम की ग्लोबल ग्रोथ के लिए काफी अहम है।" उन्होंने कहा कि अगर सरकार यूनियन बजट 2025 में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर संतुलित रुख अपनाती है तो इससे क्रिप्टो इंडस्ट्री को काफी फायदा होगा।
बिटकॉइन की कीमत 2024 में 1 लाख डॉलर पार कर गई
साल 2024 क्रिप्टोकरेंसी के लिए खास रहा। Bitcoin की कीमत 1,00,000 डॉलर को पार कर गई। इसका असर मीम कॉइंस पर पड़ा। Dogecoin में निवेशकों ने सबसे ज्यादा दिलचस्पी दिखाई। Shiba Inu सबसे ज्यादा ट्रेडिंग वाली कॉइन बन गई। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जुलाई 2024 में WazirX क्रिप्टो एक्सचेंंज की हैकिंग में 23 करोड़ डॉलर के लॉस के बाद इंडिया में क्रिप्टोकरेंसी के लिए रेगुलेशन की मांग बढ़ गई है।
क्रिप्टोकरेंसी पर कैपिटल गेंस टैक्स काफी ज्यादा
बजट 2022 में सरकार ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले गेंस पर 30 फीसदी के फ्लैट रेट से टैक्स लगेगा। इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी के हर ट्रांसफर पर 1 फीसदी TDS का ऐलान सरकार ने किया था। इसका सीधा असर क्रिप्टोकरेंसी के ट्रेडिंग वॉल्यूम पर पड़ा था। क्रिप्टोकरेंसी इंडस्ट्री का कहना है कि सरकार को क्रिप्टोकरेंसी के गेंस पर 30 फीसदी टैक्स को घटाना चाहिए। दूसरे एसेट्स पर लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म गेंस पर लगने वाला टैक्स काफी कम हैं।
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दूसरे एसेट पर कैपिटल गेंस के नियम काफी आसान
इक्विटी म्यूचुअल फंड्स की यूनिट्स एक साल के अंदर बेचने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगता है। इसका रेट 20 फीसदी है। एक साल के बाद बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस लागू होता है। इसका रेट 12.5 फीसदी है। एक वित्त वर्ष में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस 1.25 लाख रुपये से ज्यादा होने पर ही टैक्स लगता है।