इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री को 1 फरवरी को खुशखबरी मिल सकती है। सरकार इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग में इस्तेमाल होने वाले पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी में बदलाव कर सकती है। सरकार देश में इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स का उत्पादन बढ़ाने के लिए ऐसा करने जा रही है। इससे इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स की कीमतों में कमी आ सकती है। मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने मनीकंट्रोल को यह जानकारी दी है। केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार देश में इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स का उत्पादन बढ़ाने की कोशिश कर रही है। इसके लिए सरकार की तरफ से की स्कीम शुरू की गई हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स की कीमतें कम होंगी
एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने बताया, "हम ड्यूटी स्ट्रक्चर पर विचार कर रहे हैं। यह प्रोडक्ट्स के लिए नहीं बल्कि कंपोनेंट्स के लिए है। हम इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को खत्म कर रेट स्ट्रक्चर को आसान बनाना चाहते हैं।" सरकार खासकर उन इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स (Electronic Components) पर ड्यूटी स्ट्रक्चर बदलने जा रही है, जिनके इंडिया में उत्पादन की संभावना नहीं है। इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि अगर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को यूनियन बजट में यह ऐलान करती हैं तो इससे देश में इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा।
क्या है इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर?
इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर का मतलब ऐसी स्थिति से है, जब प्रोडक्ट्स पर लगने वाले टैक्स के मुकाबले उसके कंपोनेंट्स पर ज्यादा टैक्स लगता है। लंबे समय से इलेक्ट्रॉनिक प्रोडेक्ट्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां इस इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को खत्म करने की मांग करती आ रही हैं। सूत्रों का कहना है कि सरकार 1 फरवरी को कुछ प्रोडक्ट्स के लिए इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर में बदलाव करेगी। इंडस्ट्री के सूत्रों का कहना है कि सरकार स्मार्टफोन और टीवी सेट्स में इस्तेमाल होने वाले पार्ट्स के ड्यूटी स्ट्रक्चर में बदलाव का ऐलान कर सकती है।
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वित्तमंत्री ने जुलाई 2024 में किया था वादा
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई, 2024 को यूनियन बजट पेश करते हुए कहा था कि सरकार अगले 6 महीनों में रेट स्ट्रक्चर की व्यापक समीक्षा करेगी। इसका मकसद टैक्स से जुड़े विवाद के मामलों में कमी लाना, ड्यूटी इनवर्जन को खत्म करना और कारोबार के नियमों को आसान बनाना होगा। उन्होंने मोबाइल फोन और इससे जुड़े आइटम्स पर बेसिक कस्टम ड्यूटी घटाकर 15 फीसदी कर दी थी। इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि सरकार के इस कदम से इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स की कीमतों में कमी आएगी, जिससे फॉरेन मार्केट में उनकी प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ेगी।