कंसल्टेंसी फर्म डेलॉयट ने यूनियन बजट 2025 में कंजम्प्शन और रोजगार पर फोकस रहने की उम्मीद जताई है। उसका मानना है कि सरकार प्राइवेट कंजम्प्शन बढ़ाने के उपायों का ऐलान कर सकती है। सरकार का फोकस खासकर मिडिल क्लास को राहत देने पर हो सकता है। इसके लिए सरकार इनकम टैक्स में राहत दे सकती है। इनफ्लेशन की वजह से लोगों की खर्च करने की क्षमता घटी है। हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में इकोनॉमिस्ट्स ने भी सरकार को कंजम्प्शन बढ़ाने के उपाय करने की सलाह दी थी।
इनकम टैक्स में राहत देने की सलाह
डेलॉयट की सलाह है कि सरकार को इनकम टैक्स की बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट बढ़ानी चाहिए। अभी इनकम टैक्स (Income Tax) की ओल्ड रीजीम में यह लिमिट 2.5 लाख रुपये है। इसे बढ़ाकर सालाना 3.5 लाख रुपये करने की जरूरत है। साथ ही स्टैंडर्ड डिडक्शन भी बढ़ाने की सलाह उसने दी है। अभी इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन 50,000 रुपये है। इसे बढ़ाकर 75,000 रुपये करने करना चाहिए। कंसल्टेंसी फर्म का कहना है कि अगर सरकार मिडिल क्लास परिवारों के खर्च करने की क्षमता 5-7 फीसदी बढ़ा देती है तो इससे एफएमसीजी और दूसरी जरूरी चीजों पर लोगों का खर्च 6 फीसदी तक बढ़ सकता है।
कई उत्पादों पर जीएसटी घटाने की सलाह
कंसल्टेंसी फर्म ने ज्यादा इस्तेमाल वाले प्रोडक्ट्स पर जीएसटी घटाने की भी सलाह दी है। अभी रोजाना इस्तेमाल होने वाले कई उत्पादों पर जीएसटी का रेट 18 फीसदी है। इसे घटाकर 12 फीसदी करने की जरूरत है। कंजम्प्शन बढ़ाने में यह कदम काफी मददगार साबित हो सकता है। कंजम्प्शन बढ़ने से कंपनियों को भी फायदा होगा। पहली और दूसरी तिमाही में कंपनियों की कमजोर अर्निंग्स ग्रोथ में कंजम्प्शन में सुस्ती का बड़ा हाथ है। डेलॉयट ने सरकार को उन चीजों पर जीएसटी घटाने की सलाह दी है, जिनका इस्तेमाल आबादा का बड़ा हिस्सा करता है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने वाले उपाय
डेलॉयट ने रूरल इकोनॉमी पर फोकस बढ़ाने की सलाह दी है। जीडीपी में कृषि की हिस्सेदारी भले ही ज्यादा नहीं है, लेकिन अब भी आबादा की बड़ा हिस्सा जीविकोपार्जन के लिए कृषि पर निर्भर है। सरकार का पहले से किसानों की आमदनी बढ़ाने पर फोकस है। 1 फरवरी, 2025 को पेश बजट में सरकार रूरल इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए बड़ा ऐलान कर सकती है। किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 4-5 लाख रुपये कर सकती है। इससे किसानों को खेती में निवेश बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह लिमिट पिछले कई सालों से बढ़ाई नहीं गई है।
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रोजगार के मौके बढ़ाने से इकोनॉमी की रफ्तार बढ़ेगी
कंसल्टेंसी फर्म ने रोजगार के मौके बढ़ाने के उपाय करने की सलाह भी सरकार को दी है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में बड़ी संख्या में रोजगार के मौके पैदा किए जा सकते हैं। सरकार ने मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए PLI स्कीम की शुरुआत की थी। अभी इस स्कीम के तहत 14 सेक्टर्स शामिल हैं। सरकार को पीएलआई का दायरा बढ़ाना चाहिए। खासकर उभरते सेक्टर्स को इसके दायरे में शामिल करने की जरूरत है। सरकार बजट 2025 में इसका ऐलान कर सकती है।