Union Budget 2025 : सरकार बजट में पावर सेक्टर के लिए खास ऐलान कर सकती है। CNBC-आवाज़ को सूत्रों के हवाले से मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक इस बार को बजट में नई नेशनल इलेक्ट्रिसिटी पॉलिसी का एलान हो सकता है। इस खबर पर और अधिक जानकारी देते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के इकोनॉमिक पॉलिसी एडिटर लक्ष्मण रॉय ने बताया कि 1 फरवरी को आने वाले बजट में पावर सेक्टर के लिए नई नेशनल इलेक्ट्रीसिटी पॉलिसी का ऐलान होने के साथ ही पावर डिस्ट्रीब्यूशन रिफॉर्म के लिए राज्यों को एडिशनल बॉरोईंग की छूट जारी रखने पर भी विचार किया जा सकता है।
बजट में बड़े पावर सेक्टर रिफॉर्म!
सूत्रों के मुताबिक आगामी बजट में पावर सेक्टर के लिए कई बड़े पावर रिफॉर्म हो सकते हैं। बजट में पावर सेक्टर के लिए बड़े एलान संभव हैं। नई नेशनल इलेक्ट्रीसिटी पॉलिसी की घोषणा के साथ रीन्यूएबल एनर्जी प्रोडक्शन को बढ़ाने पर फोकस का ऐलान हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक इस बजट में सरकार का पावर डिस्ट्रीब्यूशन रिफॉर्म पर फोकस रहोगा। सरकार पावर रिफॉर्म पर इंसेंटिव जारी रख सकती है। राज्यों को यह इंसेंटिव्स पहले की तरह ही जारी रखने का फैसला लिया जा सकता है।
सूत्र के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक राज्यों को एडिशनल बॉरोईंग छूट जारी रह सकती है। एडिशनल बॉरोईंग छूट 31 मार्च 2025 को खत्म हो रही है। राज्य को स्टेट GDP का 0.5 फीसदी एडिशनल बॉरोईंग छूट के रूप में मिल सकता है।
2026-27 तक देश में नॉन फॉसिल बेस्ड पावर की हिस्सेदारी 57.4 फीसदी होने का अनुमान है। बजट में पावर डिस्ट्रीब्यूशन रिफॉर्म के लिए राज्यों को इंसेंटिव्स जारी हो सकता है।
भारतीय अर्थव्यवस्था में पावर सेक्टर की महत्वपूर्ण भूमिका है। ये देश के जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान देता है। यह सेक्टर आवश्यक ऊर्जा प्रदान करके विभिन्न उद्योगों के सपोर्ट करता है। इससे आर्थिक गतिविधियों में बढ़त होती है और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलता है। चल रहे निवेश और विकास के साथ,यह सेक्टर भारत की आर्थिक प्रगति को आधार प्रदान करता है और कई सेक्टरों में उत्पादकता बढ़ाता है।
इसके अलावा,पावर सेक्टर का विस्तार देश के सतत विकास और ऊर्जा सुरक्षा के लक्ष्यों के मुताबिक है। चूंकि भारत अपनी रिन्यूएबल एनर्जी हिस्सेदारी बढ़ाने का लक्ष्य रखता है,इसलिए जीडीपी में इस सेक्टर का योगदान बढ़ने की उम्मीद है। इससे आर्थिक स्थिरता और विकास को बढ़ावा मिलेगा।