बजट में NPS को लेकर क्या हैं उम्मीदें: फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का मानना है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को नेशनल पेंशन सिस्टम में बदलाव करना चाहिए, ताकि यह निवेशकों के लिए ज्यादा आकर्षक हो सके। एक्सपर्ट्स यह उम्मीद जता रहे हैं कि 2025 के अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री सीतारमण नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में कुछ बदलावों का ऐलान करेंगी।
म्यूचुअल फंड, 1 फाइनेंस (1 Finance) में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट रजनी तंडाले के मुताबिक, भारत में रिटायरमेंट संबंधी चुनौतियां काफी ज्यादा हैं। बड़े पैमाने पर लोगों के पास अपने बाद के वर्षों के लिए पर्याप्त फाइनेंशियल प्लानिंग नहीं होती है। उनका मानना है कि NPS रिटायरमेंट प्लानिंग का बेहतर विकल्प हो सकता है और इसका आकर्षण बढ़ाने के लिए इसमें निवेश पर टैक्स छूट बढ़ाने की जरूरत है।
तंडाले के मुताबिक, नरेंद्र मोदी सरकार को इस मामले में सेक्शन 80सीसीडी (1बी) के तहत छूट की सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1,00,000 रुपये करना चाहिए। उनका कहना था, 'इससे टैक्सपेयर्स को ज्यादा निवेश के लिए प्रोत्साहन मिल सकेगा और लॉन्ग टर्म रिटायरमेंट सेविंग को सहारा मिलेगा।' इसके अलावा, पुरानी टैक्स रिजीम में सेक्शन 80सीसीडी (2) के तहत कटौती की सीमा फिलहाल बेसिक सैलरी का 10 पर्सेंट है, जबकि नई टैक्स रिजीम में इस सीमा को बढ़ाकर 14 पर्सेंट किया गया है। नई टैक्स रिजीम के तहत इस सीमा को बढ़ाकर बेसिक सैलरी का 20 पर्सेंट किया जाना चाहिए। इस बदलावा से प्राइवेट सेक्टर वर्कफोर्स के बीच NPS का आकर्षण बढ़ेगा।
तंडाले की यह भी राय है कि NPS में एन्युटी खरीद की जरूरी शर्त भी संभावित निवेशकों की राह में बड़ी बाधा है। विकल्प के तौर पर सिलसिलेवार निकासी के प्रावधान के जरिये निवेशकों को आसानी से उनका फंड मिल सकेगा और वे एन्युटी के नुकसान से भी बच सकेंगे। उनके मुताबिक, इसके अलावा बजट 2025 में एन्युटी इनकम पर टैक्स का बोझ घटाने के लिए भी प्रावधान किया जाना चाहिए।