निर्मला सीतारमण यूनियन बजट 2025 में इकोनॉमी की ग्रोथ बढ़ाने के लिए बड़े उपाय कर सकती हैं। दिसंबर के आखिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई मीटिंग में इकोनॉमिस्ट्स ने कंजम्प्शन बढ़ाने के उपाय करने की सलाह सरकार को दी थी। इकोनॉमिस्ट्स का कहना है कि कंजम्प्शन बढ़ाने के उपाय करने से आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी। इससे इकोनॉमिक ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा। इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ घटकर 5.4 फीसदी पर आ गई। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर सरकार सीमेंट पर जीएसटी घटाने का ऐलान करती है तो इससे कंस्ट्रक्शन से संबंधित गतिविधियां बढ़ेगी।
अभी सीमेंट पर 28 फीसदी जीएसटी रेट
जेके लक्ष्मी सीमेंट के प्रेसिडेंट और डायरेक्टर अरुण शुक्ला ने कहा कि सरकार सीमेंट (Cement) पर GST 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर देना चाहिए। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अभी सीमेंट पर जीएसटी का सबसे ज्यादा स्लैब लागू होता है। अगर सरकार इसमें कमी करती है तो इसका पॉजिटिव असर रियल एस्टेट सेक्टर पर पड़ेगा। कंस्ट्रक्शन एक्टिविटीज बढ़ेंगी। आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की दिलचस्पी भी अपना घर बनाने में बढ़ेंगी।
रियल एस्टेट सेक्टर में सबसे ज्यादा रोजगार पैदा करने की क्षमता
एक्सपर्ट्स का कहना है कि रियल एस्टेट सेक्टर सबसे ज्यादा रोजगार के मौके बनाने वाला सेक्टर है। इसलिए अगर इस सेक्टर के लिए यूनियन बजट में बड़ा ऐलान किया जाता है तो इससे रियल एस्टेट सेक्टर मे गतिविधियां बढ़ेगी। रियल एस्टेट में गतिविधियां बढ़ने का फायदा कई दूसरे सेक्टर भी पड़ता है। इनमें स्टील सेक्टर सबसे अहम है। इसके अलावा होम फीटिंग्स इक्विपमेंट की डिमांड को भी बढ़ावा मिलता है। पेंट्स और इलेक्ट्रिकल फीटिंग्स की भी मांग बढ़ती है। कई सेक्टर की कंपनियों पर इसका पॉजिटिव असर पड़ता है।
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यूनियन बजट में रियल एस्टेट सेक्टर के लिए होंगे बड़े ऐलान
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2025 को बजट पेश करेंगी। इसमें वह रियल एस्टेट सेक्टर के लिए बड़े ऐलान कर सकती हैं। हालांकि, सीमेंट पर जीएसटी घटाने का फैसला जीएसटी काउंसिल को करना है। लेकिन, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इसका संकेत बजट में दे सकती हैं। जीएसटी काउंसिल अपनी अगली बैठक में इस बारे में फैसला ले सकती है। रियल एस्टेट इंडस्ट्री का भी मानना है कि सीमेंट पर जीएसटी का सबसे ज्यादा स्लैब लागू होता है। इसे कम करने की जरूरत है।