पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) ने सरकार को शेयरों पर सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (एसटीटी) खत्म करने की सलाह दी है। 30 दिसंबर को पीएचडीसीसीआई के प्रतिनिधियों ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और फाइनेंस मिनिस्ट्री के सीनियर अफसरों के साथ मुलाकात की। इसमें उन उपायों पर चर्चा हुई, जिनके बजट 2025 में ऐलान होने से इकोनॉमिक ग्रोथ बढ़ाने, स्टॉक मार्केट को सहारा देने और रोजगार के मौके बढ़ाने में मदद मिलेगी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2025 को यूनिनय बजट पेश करेंगी।
STT से सरकार को मिले 40000 करोड़
PHDCCI के प्रतिनिधियों ने वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman से कहा कि सरकार ने स्टॉक मार्केट में लिस्टेड शेयरों पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया है। इससे शेयरों पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स के रेट और दूसरे एसेट्स के रेट में फर्क नहीं रह गया है। ऐसे में सरकार को लिस्टेड शेयरों पर लगने वाला सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) खत्म कर देना चाहिए। सरकार को एसटीटी से इस साल 1 अप्रैल से 17 दिसंबर के बीच 40,114 करोड़ रुपये हासिल हुए हैं।
एसटीटी खत्म करने से स्टॉक मार्केट में बढ़ेगी दिलचस्पी
उद्योग चैंबर ने कहा, "एसटीटी खत्म करने से निवेशकों पर टैक्स का बोझ घटेगा। इससे स्टॉसक मार्केट्स में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। स्टॉक मार्केट में निवेश बढ़ने से इकोनॉमी की भी सहारा मिलेगा।" पीएचडीसीसीआई ने सरकार को इंडिविजुअल्स और लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (LLP) पर टैक्स घटाकर 25 फीसदी करने की सलाह दी। उद्योग चैंबर का कहना है कि सरकार FY26 के लिए पूंजगत खर्च के लिए 13 लाख करोड़ रुपये का टारगेट रखना चाहिए। FY25 के लिए सरकार ने 11.11 लाख करोड़ रुपये का टारगेट तय किया है।
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PLI स्कीम का दायरा बढ़ाने की सलाह
पीएचडीसीसीआई का मानना है कि सरकार को मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए PLI स्कीम का दायरा बढ़ाना चाहिए। सरकार को 1 फरवरी, 2025 को यूनियन बजट में इसका ऐलान करना चाहिए। अभी PLI स्कीम के तहत 14 सेक्टर आते हैं। सरकार को मेडिसिनल प्लांट्स, हैंडीक्रॉफ्ट्स, लेदर और फुटवीयर, जेम्स और ज्वैलरी और स्पेस सेक्टर को पीएलआई स्कीम को पीएलआई स्कीम के तहत लाना चाहिए। पीएलआई स्कीम मैन्युफैक्चरिंग का बढ़ावा देने में काफी सफल रही है।