Budget Wishlist : बजट पर सभी की अपनी अपनी विशलिस्ट है। बड़े ब्रोकरेज इस बजट में क्या देखना चाहते हैं इस बात करते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के यतिन मोता ने HSBC की बजट उम्मीदें बताई। HSBC का मानना है कि वित्त वर्ष 2026 के लिए बजट विनिवेश लक्ष्य 45,000 रुपये हो सकता है। वित्त वर्ष 2026 में अनुमानित राजकोषीय घाटा 4.4 फीसदी रहने का अनुमान है। राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल करने में मदद के लिए खर्च कम करना पड़ सकता है। कम एक्सपेंडिचर से फिस्कल डेफिसिट का लक्ष्य पूरा हो सकता है।
HSBC का मानना है कि इस बार के बजट में खपत बढ़ाने के लिए इनकम टैक्स में कटौती संभव है। देश को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने और रोजगार बढ़ाने के हाई टेक सेक्टर में PLI संभव है। रोजगार बढ़ाने के लिए द्विपक्षीय फ्री ट्रेड एग्रीमेंट और आसान इनवर्ड एफडीआई अप्रूवल को बढ़ावा दिया जा सकता है। रेलवे और इंफ्रा में कैपेक्स बढ़ाकर ग्रोथ को पुश दिया जा सकता है। इसक साथ ही स्किल डेवलपमेंट पर फोकस रह सकता है।
एक्सिस कैपिटल की बजट अपेक्षाएं
इस बीच एक्सिस कैपिटल का भी कहना ही कि आगामी बजट में इंफ्रा,अफोर्डेबल हाउसिंग और रियल एस्टेट को बढ़ावा मिलना चाहिए। वित्त मंत्री को पावर सेक्टर के लिए खास कदम उठाने की जरूरत है। सोलर एनर्जी की वैल्यू चेन के लिए PLI जैसी स्कीम लाई जानी चाहिए। रूफटॉप सोलर को ज्यादा आवंटन मिलना चाहिए। एक्सिस कैपिटल की वित्त मंत्री से यह मांग भी है कि देश में घरेलू मेटल कंपनियों को बढ़ावा मिलना चाहिए। सस्ते इंपोर्ट पर सेफगार्ड ड्यूटी लगना चाहिए। एक्सिस का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2026 के लिए एक्सपेंडिचर में 8 फीसदी, कैपेक्स में 10 फीसदी और वेज एंड पेंशन पर होने वाले आवंटन में 7 फीसदी का इजाफा हो सकता है।
एक्सिस कैपिटल का मानना है कि आगामी बजट में वित्तीय अनुशासन पर फोकस बना रहेगा। वित्त वर्ष 2026 के वित्तीय घाटे का लक्ष्य करीब 4.5 फीसदी संभव है। टैक्स रेवेन्यू में कम ग्रोथ का बड़ा रिस्क है। ये वित्तीय अनुशासन के लिए एक चुनौती है। कैपेक्स और घटा तो ग्रोथ को लेकर चिंता बढ़ेगी।
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