Budget Market News: क्या कैपिटल गेंस टैक्स के नियमों में बदलाव करने जा रही हैं वित्त मंत्री

सरकार ने पिछले साल जुलाई में पेश यूनियन बजट में कैपिटल गेंस के नियमों में बड़े बदलाव किए थे। सरकार ने टैक्स के नियमों को आसान बनाने के लिए ऐसा किया था। एक्सपर्ट्स का कहना है कि टैक्स के नियमों में बार-बार बदलाव होने से टैक्सपेयर्स को दिक्कत का सामना करना पड़ता है

अपडेटेड Jan 27, 2025 पर 2:52 PM
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सरकार ने पिछले साल जुलाई में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स को बढ़ाया था।

Budget Market News: केंद्र सरकार के बजट से पहले हर बार कई तरह की चर्चाएं सुनने को मिलती हैं। इनमें ज्यादातर अफवाह होती हैं। इस बार केंद्र सरकार के कैपिटल गेंस टैक्स के नियमों में बदलाव करने की चर्चा चल रही है। बताया जा रहा है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इस बारे में 1 फरवरी को यूनियन बजट में ऐलान करेंगी। दरअसल, पिछले साल जुलाई में पेश यूनियन बजट में वित्तमंत्री ने कैपिटल गेंस के नियमों में बड़े बदलाव किए थे। इनमें प्रॉपर्टी के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस के कैलकुलेशन में इंडेक्सेशन खत्म करने का फैसला भी शामिल था। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार को फिर से इंडेक्सेशन शुरू करना चाहिए।

सरकार टैक्स के नियमों को आसान बनाना चाहती है

टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि यूनियन बजट (Union Budget 2025) में  कैपिटल गेंस (Capital Gains) के नियमों में बदलाव होने की संभावना ना के बराबर है। सरकार की कोशिश कैपिटल गेंस टैक्स के नियमों को आसान बनाने की है। सरकार इस बारे में पिछले साल जुलाई में यूनियन बजट में बड़े कदम उठा चुकी है। टैक्स एक्सपर्ट्स ने भी इनकम टैक्स के नियमों को आसान बनाने की सलाह दी है। उनका मानना है कि इससे कंप्लायंस बढ़ेगा।


पिछले साल कैपिटल गेंस टैक्स बढ़ाने का हुआ था ऐलान

सरकार ने पिछले साल जुलाई में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स को बढ़ाया था। स्टॉक या इक्विटी म्यूचुअल फंड में इनवेस्टमेंट 12 महीने से पहले बेचने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस के नियम लागू होते हैं। इस पर 20 फीसदी टैक्स लगता है। पहले टैक्स 15 फीसदी था। सरकार ने पिछले साल इसे बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया था। स्टॉक या इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश 12 महीनों के बाद बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स के नियम लागू होते हैं। इस पर 12.5 फीसदी टैक्स लगता है। पहले 10 फीसदी टैक्स लगता था। पिछले साल सरकार ने इसे बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया था।

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प्रॉपर्टी पर कैपिटल गेंस टैक्स के नियम थोड़े अलग

प्रॉपर्टी के मामले में कैपिटल गेंस टैक्स के नियम थोड़े अलग हैं। अगर प्रॉपर्टी 24 महीने से पहले बेच दी जाती है तो उस पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस के नियम लागू होंगे। कैपिटल गेंस को टैक्सपेयर की इनकम में जोड़ दिया जाएगा। फिर टैक्सपेयर के स्लैब के हिसाब से उस पर टैक्स लगेगा। अगर प्रॉपर्टी 24 महीने के बाद बेची जाती है तो उस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स के नियम लागू होंगे। कैपिटल गेंस पर 12.5 फीसदी टैक्स देना होगा। टैक्सपेयर को इंडेक्सेशन का फायदा नहीं मिलेगा।

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First Published: Jan 25, 2025 9:47 AM

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