इंफोसिस के पूर्व सीएफओ मोहनदास पई ने सरकार से इनकम टैक्स में कमी करने की मांग की है। इससे पहले 24 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मीटिंग में इकोनॉमिस्ट्स ने कंजम्प्शन बढ़ाने के उपाय करने की सलाह सरकार को दी थी। पई ने इस बारे में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है। इसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से मिडिल क्लास को इनकम टैक्स से राहत देने की गुजारिश की है। नए साल के पहले दिन किए गए इस पोस्ट में उन्होंने मिडिल क्लास की परेशानियों के बारे में बताया है।
मिडिल क्लास के लिए राहत की मांग
पई ने कहा है कि मिडिल क्लास के लिए पिछले कुछ सालों में परेशानियां बढ़ी हैं। इसलिए सरकार को उन्हें इनकम टैक्स (Income Tax) में राहत देनी चाहिए। सबसे पहले उन्होंने अपने पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नए साल की बधाई दी है। फिर उन्होंने लिखा है कि वित्त वर्ष 2025-26 के यूनियन बजट (Union Budget 2025) के साथ बड़े रिफॉर्म्स की शुरुआत होनी चाहिए। उन्होंने लिखा है कि लंबे समय से परेशान मिडिल क्लास को कृपया राहत दीजिए। यह वर्ग एनडीए से काफी निराश है। लेकिन आपको वोट दिया है। इंडिविजुअल टैक्स कलेक्शन FY21 में 4.87 लाख करोड़ से बढ़कर FY24 में 10.45 लाख सकरोड़ रुपये हो गया है। यह तीन साल में 114 फीसदी की वृद्धि है।
बेसिक टैक्स एग्जेम्प्शन लिमिट बढ़ाने की मांग
उन्होंने लिखा है कि FY25 में इंडिविजुअल ग्रॉस इनकम टैक्स कलेक्शन 22 फीसदी तक बढ़ा है। ज्यादा टैक्स की वजह से मिडिल क्लास के हाथ में खर्च के लिए ज्यादा पैसे नहीं बच रहे हैं। इनफ्लेशन और स्कूल और कॉलेज की ज्यादा फीस की वजह से उसका काफी पैसा खर्च हो जाता है। उसकी इनकम में होने वाली वृद्धि कम है। उन्होंने प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री से बेसिक टैक्स एग्जेम्पशन लिमिट बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि 5 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं होना चाहिए। 5 से 10 लाख रुपये तक की इनकम पर सिर्फ 10 फीसदी टैक्स होना चाहिए। 10 लाख से 20 लाख रुपये तक की इनकम पर 20 फीसदी टैक्स होना चाहिए। 20 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर 30 फीसदी टैक्स होना चाहिए।
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सिर्फ सेक्शन 80डी और सेक्शन 80जी के डिडक्शन की इजाजत दी जाए
इंफोसिस के पूर्व सीएफओ ने सरकार से कहा है कि सेक्शन 80डी और सेक्सन 80G के अलावा किसी दूसरे डिडक्शन की इजाजत नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यह भी लिखा है कि सरकार को 2014 में किए गए वादे के मुताबिक 'टैक्स टेररिज्म' पर रोक लगानी चाहिए। उन्होंने सरकार से 2025-26 को टैक्स रिजॉल्यूशन का साल बनाने की भी अपील की है। इससे टैक्स से जुड़े विवादों की संख्या में कमी लाने में मदद मिलेगी। यूनियन बजट 2025 से पहले आए पई के इस पोस्ट की काफी चर्चा हो रही है। कई लोगों ने इस पोस्ट पर प्रतिक्रिया जताई है।