म्यूचुअल फंड्स के टैक्स के नियमों में सरकार ने इस साल जुलाई में पेश बजट में बड़े बदलाव किए थे। नियमों में बदलाव से शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स काफी बढ़ गया था। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स में भी थोड़ा इजाफा हुआ था। लेकिन, इसका ज्यादा असर म्यूचुअल फंड्स में निवेशकों की दिलचस्पी पर नहीं पड़ा। म्यूचुअल फंड्स इंडस्ट्री का एसेट अंडर मैनेजमेंट बढ़कर 68 लाख करोड़ रुपये हो गया है। क्या 1 फरवरी, 2025 को पेश होने वाले यूनियन बजट में क्या वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण म्यूचुअल फंड्स के टैक्स नियमों में बदलाव करेंगी?
