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Budget 2025: सरकार 18% रियायती कॉर्पोरेट टैक्स स्कीम का ऐलान कर सकती है, जानिए इसके फायदें

कंसेशनल कॉर्पोरेट टैक्स स्कीम की शुरुआत 2019 में हुई थी। 1 फरवरी, 2023 को पेश यूनियन बजट में निर्मला सीतारमण ने कंसेशनल टैक्स रेट को एक साल के लिए बढ़ा दिया था। इस तरह कंपनियों के लिए इसका फायदा उठाने के लिए 31 मार्च, 2024 तक वक्त मिल गया था

अपडेटेड Jan 16, 2025 पर 6:11 PM
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अगर सरकार रियायती कॉर्पोरेट टैक्स फिर से शुरू करती है तो इसका रेट पहले के मुकाबले ज्यादा होगा। पहले इसका रेट 15 फीसदी था। इस बार इसका रेट 18 फीसदी होगा।

सरकार यूनियन बजट 2025 में कॉर्पोरेट सेक्टर के लिए बढ़ा ऐलान कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार रियायती कॉर्पोरेट टैक्स दोबारा शुरू करने पर विचार कर सकती है। इसका ऐलान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को यूनियन बजट में कर सकती हैं। इंडस्ट्री के प्रतिनिधि लंबे समय से इस रियायती कॉर्पोरेट टैक्स को फिर से शुरू करन की मांग कर रहे थे। अगर सरकार यह एलान करती है तो यह उद्योग जगत के लिए बड़ा तोहफा होगा।

इस बार टैक्स का रेट 18 फीसदी होगा

सूत्रों ने बताया कि अगर सरकार रियायती कॉर्पोरेट टैक्स फिर से शुरू करती है तो इसका रेट पहले के मुकाबले ज्यादा होगा। पहले इसका रेट 15 फीसदी था। इस बार इसका रेट 18 फीसदी होगा। सीएनबीसी-टीवी18 ने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है। मनीकंट्रोल ने इस खबर को स्वतंत्र रूप से वेरिफाइ नहीं किया है। कंसेशनल कॉर्पोरेट टैक्स स्कीम की शुरुआत 2019 में हुई थी।


क्या है कंसेशनल कॉर्पोरेट टैक्स?

कंसेशनल कॉर्पोरेट टैक्स के तहत 1 अक्टूबर, 2019 को या उसके बाद रजिस्टर्ड घरेलू कंपनियों के लिए 15 फीसदी टैक्स का रेट तय किया गया था। लेकिन, इसके साथ एक शर्त यह थी कि कंपनियों को 31 मार्च, 2023 से पहले उत्पादन शुरू करना होगा। सरकार का मकसद नई कंपनियों को प्रोत्साहित करना था। कंपनियों पर टैक्स का आम रेट 22 फीसदी है। 1 फरवरी, 2023 को पेश यूनियन बजट में निर्मला सीतारमण ने कंसेशनल टैक्स रेट को एक साल के लिए बढ़ा दिया था। इस तरह कंपनियों के लिए इसका फायदा उठाने के लिए 31 मार्च, 2024 तक वक्त मिल गया था।

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मैन्युफैक्चरिंग में बढ़ेगी दिलचस्पी

सरकार ने 31 मार्च, 2024 के बाद कंसेशनल टैक्स रेट की अवधि नहीं बढ़ाई, जिससे यह स्कीम खत्म हो गई। सूत्रों का कहना है कि वित्तमंत्रालय इस कंसेशनल टैक्स रेट वाली स्कीम को फिर से शुरू करने पर विचार कर रहा है। इसका मकसद निवेश के लिए कंपनियों को अट्रैक्ट करना है। अगर वित्तमंत्री 1 फरवरी को इस स्कीम का ऐलान करती हैं तो मैन्युफैक्चरिंग में उद्यमियों की दिलचस्पी बढ़ सकती है।

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