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Budget 2025: सरकार ये ऐलान करने जा रही, फिर महंगाई का डर नहीं रह जाएगा

सरकार पर इकोनॉमिक ग्रोथ बढ़ाने के उपाय करने का दबाव है। दिसंबर के आखिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई बैठक में इकोनॉमिस्ट्स ने सरकार को कंजम्प्शन बढ़ाने की सलाह दी थी। इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों ने भी सरकार को कंजम्प्शन बढ़ाने के उपाय करने की सलाह दी है

अपडेटेड Jan 08, 2025 पर 1:19 PM
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1 फरवरी को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण कई बड़े ऐलान करने जा रही हैं।

यूनियन बजट 2025 पेश होने में अब करीब तीन हफ्ते का समय बाकी रह गया है। आम आदमी को इनकम टैक्स में राहत मिलने की उम्मीद है। लेकिन, इस बार सरकार आम आदमी के लिए काफी कुछ ऐलान करने जा रही है। दरअसल सरकार पर इकोनॉमिक ग्रोथ बढ़ाने के उपाय करने का दबाव है। दिसंबर के आखिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई बैठक में इकोनॉमिस्ट्स ने सरकार को कंजम्प्शन बढ़ाने की सलाह दी थी। इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों ने भी सरकार को कंजम्प्शन बढ़ाने के उपाय करने की सलाह दी है। ऐसे में माना जा रहा है कि 1 फरवरी को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण कई बड़े ऐलान करने जा रही हैं।

इनकम टैक्स में बड़ी राहत देने की तैयारी

इकोनॉमिस्ट्स की सलाह के बाद सरकार इनकम टैक्स (Income Tax) से लोगों को राहत देने के बारे में सोच रही है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) इनकम टैक्स की एग्जेम्प्शन लिमिट बढ़ाने के साथ ही ज्यादा टैक्स स्लैब में आने वाले लोगों पर टैक्स का बोझ कम कर सकती है। खासकर सालाना 15 लाख से 20 लाख रुपये तक की इनकम वाले लोगों पर टैक्स के बोझ को कम किया जा सकता है। स्टैंडर्ड डिडक्शन घटाने के विकल्प पर भी सरकार विचार कर रही है। इससे खासकर नौकरी करने वाले लोगों को बड़ी राहत मिल जाएगी। टैक्स का बोझ घटने और स्टैंडर्ड डिडक्शन की वजह से उनके हाथ में खर्च के लिए ज्यादा पैसे बचेंगे।


कई चीजों पर जीएसटी घटाने का प्लान

सरकार कई चीजों के जीएसटी रेट्स में बदलाव करने के बारे में भी सोच रही है। कुछ चीजों पर जीएसटी रेट 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी किया जा सकता है। कुछ चीजों पर 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी किया जा सकता है। उदाहरण के लिए सीमेंट पर जीएसटी के रेट को 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी किया जा सकता है। काफी समय से इसकी मांग हो रही है। सीमेंट पर जीएसटी घटने से उसकी कीमतों में कमी आएगी। इससे कंस्ट्रक्शन से जुड़ी गतिविधियां बढ़ेंगी। रियल एस्टेट सेक्टर की ग्रोथ बढ़ने का सीधा असर इकोनॉमिक ग्रोथ पर पड़ता है। चूंकि जीएसटी रेट्स का फैसला जीएसटी काउंसिल करती है, जिससे वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण यूनियन बजट में यह ऐलान कर सकती हैं। वह बता सकती हैं कि इससे जुड़े प्रस्ताव जीएसटी काउंसिल में विचार के लिए पेश किए जाएंगे।

पेट्रोल और डीजल जीएसटी के दायरे में आएंगे

इकोनॉमिस्ट्स का कहना है कि सरकार को पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए। यह मसला काफी समय से लंबित है। इस पर राज्यों की सहमति जरूरी है। पेट्रोल और डीजल पर जीएसटी से राज्यों को काफी ज्यादा रेवेन्यू मिलता है। इसलिए वे इस बारे में जल्द फैसला नहीं लेना चाहते। लेकिन, पेट्रोल और डीजल पर सरकार एक्साइज ड्यूटी में कमी का ऐलान कर सकती है। इसका ऐलान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण यूनियन बजट 2025 में कर सकती हैं। इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतें तुरंत घट जाएंगी। इससे आम आदमी खासकर लोअर मिडिल क्लास और मिडिल क्लास के लोगों को काफी फायदा होगा।

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पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आएगी कमी

कई राज्यों में पिछले काफी समय से पेट्रोल और डीजल की कीमतें 100 रुपये प्रति लीटर के पार हैं या इसके करीब हैं। इससे लोअर मिडिल क्लास और मिडिल क्लास के लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। ज्यादातर लोग ऑफिस आनेजाने के लिए स्कूटर-मोटरसाइकिल या कार का इस्तेमाल करते हैं। इससे उनके मंथली खर्च में पेट्रोल या डीजल की काफी ज्यादा हिस्सेदारी होती है। अगर सरकार पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में करती है तो इससे लोगों को काफी फायदा होगा।

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