सरकार यूनियन बजट 2025 में पूंजीगत खर्च बढ़ाने के लिए बड़े ऐलान कर सकती है। इस वित्त वर्ष के लिए सरकार ने पूंजीगत खर्च का अच्छा टारगेट तय किया था। लेकिन, सरकार के खर्च में सुस्ती देखने को मिली। खासकर पहली तिमाही में पूंजीगत खर्च काफी कम रहा। जानकारों का कहना है कि सरकार को पूंजीगत खर्च की रफ्तार बढ़ाने के लिए 1 फरवरी को यूनियन बजट में बड़े ऐलान करने होंगे। सरकार का फोकस खासकर उन सेक्टर पर होगा, जिनमें निवेश बढ़ाने के व्यापक नतीजे दिख सकते हैं। इससे इकोनॉमिक ग्रोथ को भी बढ़ावा मिलेगा। इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में इकोनॉमी की ग्रोथ घटकर 5.4 फीसदी पर आ गई।
पूंजीगत खर्च 15 फीसदी बढ़ाना होगा
फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) 6.4 फीसदी रहने का अनुमान है। हालांकि, FY26 में इसमें रिकवरी दिख सकती है, जिससे यह 6.5-6.8 फीसदी के बीच रह सकती है। इकोनॉमिस्ट्स का कहना है कि जीडीपी ग्रोथ बढ़ाने के लिए सरकार को FY26 में पूंजीगत खर्च के टारगेट को 15 फीसदी बढ़ाना होगा। सरकार को यह पैसा इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करना होगा, जिससे इकोनॉमी की ग्रोथ बढ़ने के साथ ही बड़ी संख्या में रोजगार के मौके पैदा हो सकते हैं।
रोड, रेलवे, डिफेंस पर फोकस रहने की उम्मीद
इस बार भी यूनियन बजट में सरकारा का फोकस रोड, रेलवे, डिफेंस और रिन्यूएबल एनर्जी पर रहने की उम्मीद है। इन सेक्टर्स पर फोकस बढ़ाने से पूंजीगत खर्च की रफ्तार बढ़ेगी। FY25 की पहली तिमाही में पूंजीगत खर्च में साल दर साल आधार पर 35 फीसदी गिरावट आई। दूसरी तिमाही में साल दर साल आधार पर 10.3 फीसदी की रिकवरी दिखी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि पिछले कुछ सालों में राज्यों की दिलचस्पी लोकलुभावन योजनाओं में बढ़ी है। इसके राजनीतिक कारण हैं। चुनाव वाले राज्यों में ऐसा ज्यादा देखने को मिला है। लेकिन, इससे सरकार के पास इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश के लिए कम पैसे बचते हैं, जिसका असर इकोनॉमिक ग्रोथ और रोजगार पैदा करने की कोशिशों पर पड़ता है।
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FY25 में पूंजीगत खर्च 9.7 ट्रिलियन रहने की उम्मीद
इस साल (2025) में बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे उम्मीद है कि ज्यादातर राज्यों और केंद्र सरकार का फोकस पूंजीगत खर्च पर बना रहेगा। इससे इकोनॉमी की ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा। रेटिंग एजेंसी ICRA ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि FY25 में सरकार का पूंजीगत खर्च 9.7 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। यह 11.11 लाख करोड़ रुपये के टारगेट से कम है। इसका मतलब है कि सरकार FY26 के लिए यूनियन बजट में 12-13 फीसदी ज्यादा पूंजीगत खर्च के टारगेट का ऐलान कर सकती है।