सीनियर सिटीजंस को यूनियन बजट 2025 में खुशखबरी मिलने जा रही है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इनकम टैक्स के मामले में बुजुर्गों के लिए बड़ी राहत का ऐलान करेंगी। वित्तमंत्री 1 फरवरी, 2025 को यूनियन बजट पेश करेंगी। सीनियर सिटीजंस और सुपर सीनियर सिटीजंस से जुड़े संगठनों के प्रतिनिधियों ने वित्तमंत्री से टैक्स में राहत की मांग की थी। उनका कहना था कि रिटायरमेंट के बाद बैंक सेविंग्स अकाउंट और फिक्स्ड अकाउंट में जमा उनके पैसे पर मिलने वाला इंटरेस्ट उनके लिए काफी मायने रखता है। उनकी मांग है कि अगर इस इंटरेस्ट पर वित्तमंत्री टैक्स में राहत देती हैं तो इससे उन्हें काफी फायदा होगा।
सेक्शन 80TTA के तहत कितना मिलता है डिडक्शन?
इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम (Old Regime) में बैंक सेविंग्स अकाउंट में जमा पैसे पर 10,000 रुपये का इंटरेस्ट टैक्स-फ्री है। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80टीटीए के तहत यह टैक्स छूट मिलती है। बुजुर्गों का कहना है कि सरकार को टैक्स-छूट की यह सीमा बढ़ाकर 20,000 रुपये कर देनी चाहिए। आज भी बड़ी संख्या में सीनियर सिटीजंस बैंक सेविंग्स अकाउंट में पैसे रखते हैं। उन्हें सबसे ज्यादा भरोसा बैंकों पर होता है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को उनकी यह मांग पूरी कर सकती हैं।
सेक्शन 80TTB के तहत कितना डिडक्शन मिलता है?
टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि सेक्शन 80टीटीए के तहत सेविंग्स अकाउंट के इंटरेस्ट पर मिलने वाली टैक्स-छूट में FY13 के बाद से बदलाव नहीं किया गया है। इसके अलावा इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80टीटीबी के तहत सीनियर सिटीजंस को बैंक डिपॉजिट के इंटरेस्ट पर 50,000 रुपये के डिडक्शन की इजाजत है। डिडक्शन का यह लाभ बैंक सेविंग्स और फिक्स्ड दोनों ही डिपॉजिट पर मिलता है। बुजुर्गों की मांग है कि इस डिडक्शन को बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर देना चाहिए। इससे उन बुजुर्गों को काफी फायदा हो जाएगा जो रिटायरमेंट के बाद के अपने खर्च के लिए बैंक में जमा पैसे पर मिलने वाले इंटरेस्ट पर निर्भर है।
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डिडक्शन का फायदा सिर्फ इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम में
यह बात ध्यान में रखना जरूरी है कि बैंक में जमा पैसे पर ऊपर बताए गए सेक्शन के तहत मिलने वाला दोनों तरह का डिडक्शन इनकम टैक्स की पुरानी रीजीम में मिलता है। अगर कोई सीनियर सिटीजन इनकम टैक्स की नई रीजीम का इस्तेमाल करता है तो उसे ये दोनों डिडक्सन नहीं मिलेंगे। सरकार ने 2020 में इनकम टैक्स की नई रीजीम का ऐलान किया था। नई रीजीम में टैक्स के रेट्स कम हैं, लेकिन ज्यादातर डिडक्शन का फायदा नहीं मिलता है। पुरानी रीजीम में टैक्स के रेट्स थोड़े ज्यादा है, लेकिन कई तरह के डिडक्शन का लाभ मिलता है।