Sovereign Gold Bond Scheme : सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को ठंडे बस्ते में डाल सकती है। बजट में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम पर फैसला हो सकता है। बजट में SGB स्कीम के लिए नए आवंटन की संभावना कम है। सोने की बढ़ती कीमत को देखते हुए ये फैसला संभव है। पूरी खबर बताते हुए सीएनबीसी के लक्ष्मण रॉय ने कहा कि मौजूदा साल में 18500 करोड़ रुपए के SGB जारी करने का एलान किया गया है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर 2.5 फीसदी ब्याज से सरकार को नुकसान हो रहा है। ऐसे में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम आगे जारी रहने की संभावना नहीं है।
लक्ष्मण रॉय ने कहा कि सरकार का मानना है कि सॉवरेन गोल्ड बांड सोने में निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जारी किए गए थे। लेकिन सोने की बढ़ती कीमतों और इस स्कीम पर दिए जाने वाले ब्याज के खर्च के कारण सरकार इस योजना को बंद कर सकती है।
गौरतलब है पिछले 3-4 सालों में सोने के भाव में जोरदार तेजी कारण सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम दोगुना से ज्यादा रिटर्न दे रही है। इससे निवेशकों की तो चांदी है. लेकिन यह सरकार के लिए यह स्कीम घाटे का सौदा साबित हो रही है। गोल्ड बॉन्ड स्कीम में 8 साल की अवधि में 100 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न मिला है। इसके अलावा सरकार की ओर से मिलने वाला ब्याज अलग है। साल 2015 से अगस्त 2024 के बीच सोने के औसत भाव में 171 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है।
बताते चलें कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2015 में शुरू की गई थी। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स को आरबीआई सरकार की ओर से जारी करता है। इसलिए इस पर सरकार गारंटी देती है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में किए जाने वाले निवेश पर सालाना 2.5 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की पहली किस्त 30 नवंबर, 2015 को आई थी। यह नवंबर 2023 में मैच्योर हो गई।