Budget 2025: सालाना 15 लाख तक की इनकम वाले टैक्सपेयर्स के लिए घटेगा टैक्स, 1 फरवरी को निर्मला सीतारमण करेंगी ऐलान

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई 24 दिसंबर को बैठक में इकोनॉमिस्ट्स ने मिडिल क्लास को टैक्स से राहत देने की सलाह दी थी। उनका कहना था कि तेजी से बढ़ते इनफ्लेशन खासकर फूड इनफ्लेशन ने मिडिल क्लास पर दबाव काफी बढ़ा दिया है। टैक्स में राहत देने से उनके हाथ में ज्यादा पैसे बचेंगे, जिससे कंजम्प्शन बढ़ेगा

अपडेटेड Dec 27, 2024 पर 10:36 AM
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अभी इनकम टैक्स की पुरानी रीजीम में 10 लाख रुपये से ज्यादा सालाना इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगता है।

सरकार 15 लाख रुपये तक की इनकम वाले टैक्सपेयर्स को बड़ा तोहफा दे सकती है। इसका ऐलान यूनियन बजट 2025 में होगा। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2025 को यूनियन बजट पेश करेंगी। इसमें वह 15 लाख रुपये तक की इनकम वाले लोगों को टैक्स में रियायत का ऐलान कर सकती हैं। सरकार के इस ऐलान से मिडिल क्लास को बड़ी राहत मिलेगी। इनफ्लेशन खासकर खानेपीने की चीजों की बढ़ती कीमतों ने मिडिल क्लास पर दबाव बढ़ा दिया है। कंजम्प्शन पर इसका असर पड़ रहा है।

1 फरवरी को निर्मला सीतारमण कर सकती हैं ऐलान

सरकार से जुड़े दो सूत्रों ने बताया कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी, 2025 को टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी राहत का ऐलान कर सकती हैं। सरकार के इस कदम से करोड़ों टैक्सपेयर्स को फायदा होगा। खासकर दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में रहने वाले टैक्सपेयर्स को बहुत राहत मिलेगी। बढ़ती महंगाई और टैक्स के ज्यादा बोझ से 10-15 लाख तक सालाना सालाना इनकम वाले परिवारों को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।


अभी 10 लाख से ज्यादा इनकम पर 30 फीसदी टैक्स

अभी इनकम टैक्स की पुरानी रीजीम में 10 लाख रुपये से ज्यादा सालाना इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगता है। नई टैक्स रीजीम में 15 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर 30 फीसदी का सबसे ज्यादा टैक्स वाला स्लैब लागू होता है। लेकिन, नई टैक्स रीजीम में सेक्शन 80सी और सेक्शन 80डी के तहत डिडक्शन का फायदा नहीं मिलता है। पुरानी टैक्स रीजीम में टैक्स ज्यादा है, लेकिन इंश्योरेंस और होम लोन पर डिडक्शन क्लेम करने की इजाजत है।

कितना टैक्स घटेगा अभी यह फैसला बाकी

सरकार के सूत्रों ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि सरकार ने अभी यह तय नहीं किया है कि टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स में कितनी कमी करनी है। उन्होंने बताया कि इस बारे में यूनियन बजट 2025 से पहले फैसला हो जाने की उम्मीद है। इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए भेजे गए ईमेल का जवाब फाइनेंस मिनिस्ट्री ने नहीं दिया। सूत्रों ने यह भी नहीं बताया कि टैक्स में कमी से सरकार को रेवेन्यू के रूप में कुल कितना नुकसान होगा।

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इकोनॉमिस्ट्स ने दी थी टैक्स घटाने की सलाह

इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ घटकर 5.4 फीसदी पर आई गई। इसके बाद से इकोनॉमी ग्रोथ बढ़ाने के उपायों पर चर्चा शुरू हो गई है। 24 दिसंबर को इकोनॉमिस्ट्स के साथ हुई बैठक में प्रधानमंत्री ने ग्रोथ बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की थी। इकोनॉमिस्ट्स ने भी सरकार को टैक्सपेयर्स को टैक्स में राहत देने की सलाह दी थी। उनका कहना था कि इससे लोगों की जेब में ज्यादा पैसे बचेंगे, जिससे कंजम्प्शन को बढ़ावा मिलेगा। इससे ग्रोथ को भी सपोर्ट मिलेगा।

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