Budget 2025: देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को संसद में केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करेंगी। इस बजट पर देश के हर वर्ग और क्षेत्र की निगाहें टिकी हुई हैं। लोगों को उम्मीद है कि सरकार इस बजट में मंहगाई कम करेगी और उनकी जरूरतों के चीजों को सस्ता करेगी।
मिडिल क्लास को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं।
पिछले साल के बजट में पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और सस्टेनेबिलिटी पर काफी फोकस किया गया था। इस बार सरकार दूसरे कई सेक्टर्स पर फोकस कर सकती है। आइए जानते हैं इस बार बजट में क्या सस्ता होगा और क्या महंगा।
बता दें कि पिछले बजट में सरकार ने पेट्रोलियम और गैस मंत्रालय को 1.19 ट्रिलियन रुपये का बजट दिया था ताकि ऊर्जा इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर किया जा सके। हालांकि, पेट्रोलियम सब्सिडी में कमी की गई थी। इस बार ऑयल इंडस्ट्री को उम्मीद है कि एक्साइज ड्यूटी में कमी हो सकती है। जानकारी के मुताबिक कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) ने भी सरकार से एक्साइज ड्यूटी घटाने की मांग की है। अगर ऐसा हुआ तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में गिरावट हो सकती है।
मोबाइल के पार्ट्स हो सकते हैं सस्ते
मोदी सरकार का ध्यान पिछले कुछ सालों से इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग पर है। पिछले साल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए 15,500 करोड़ रुपए का बजट दिया गया था। सरकार सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस कर रही है और अब मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग पर भी काम हो रहा है। अगर इस बजट में इस क्षेत्र से संबंधित कोई घोषणा होती है तो जिससे स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक सामान की कीमतों में कमी आ सकती है।
इनकम टैक्स से राहत और टेक्सटाइल सेक्टर को फायदा
इस बार के बजट को लेकर ये उम्मीद की जा रही है कि सरकार टेक्सटाइल और गारमेंट इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए मदद कर सकती है। सरकार, इसके लिए आर्थिक सहायता और टैरिफ में कटौती की कर सकती है। इससे न केवल भारतीय कपड़ों की ग्लोबल मार्केट में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, बल्कि कपड़े भी सस्ते हो सकते हैं। इसके अलावा, सरकार इनकम टैक्स की धारा 80 सी की लिमिट को बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये से 3 लाख रुपये कर सकती है, जिससे टैक्सपेयर्स की सेविंग बढ़ेगी।
रेलवे को मिल सकती है बड़ी सौगात
सरकार इस बजट में भारतीय रेलवे को भी खास महत्व दे सकती है। पिछले काफी समय से सरकार रेलवे के आधुनिकीकरण पर ध्यान दे रही है। इस बार के बजट में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर भी कई कदम उठाए जा सकते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बार सड़क परिवहन की तुलना में रेलवे के आधुनिकीकरण पर ज्यादा जोर दिया जा सकता है, जिससे लॉजिस्टिक्स और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को फायदा होगा।