यूनियन बजट सरकार का सबसे सीक्रेट डॉक्युमेंट है। वित्तमंत्री के इसे संसद में पेश करने तक इसकी गोपनीयता का खास ध्यान रखा जाता है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि बजट डॉक्युमेंट में ऐसी अहम जानकारियां होती हैं, जिनके लीक होने पर देश और सरकार को काफी नुकसान हो सकता है। इसमें इनकम टैक्स, कॉर्पोरेट टैक्स, इंपोर्ट ड्यूटी में प्रस्तावित बदलाव से जुड़ी जानकारियां शामिल होती हैं। ये जानकारियां सार्वजनिक होने से पहले अगर किसी के हाथ लगती हैं तो इससे सरकार को बड़ा नुकसान हो सकता है।
CISF और IB के अफसरों पर सुरक्षा की जिम्मेदारी
वित्तमंत्री के लोकसभा में बजट पेश करने से 15 दिन पहले सीआईएसएफ (CISF) और इंटेलिजेंस ब्यूरों (IB) के अधिकारी सतर्कता बढ़ा देते हैं। फाइनेंस मिनिस्ट्री और इसके आसपास के इलाकों पर सुरक्षा बलों की करीबी नजर होती है। वित्तमंत्री, वित्त सचिव और मंत्रालय के दूसरे सीनियर अधिकारियों की भी सुरक्षा बढ़ा दी जाती है। सीनियर अफसरों के ऑफिस में आनेजाने वाले लोगों पर भी करीबी नजरें होती हैं।
बजट बनाने वाली टीम का संपर्क दुनिया से कट जाता है
बजट पेश होने से पहले इसकी तैयारी में लगी टीम का संपर्क दुनिया से काट दिया जाता है। उन्हें किसी से मिलने जुलने की इजाजत नहीं होती है। उनके फोन जमा हो जाते हैं। यहां तक कि परिवार के सदस्यों को भी उनसे मिलने की इजाजत नहीं होती है। दिल्ली पुलिस, इंटेलिजेंस ब्यूरो जैसी सुरक्षा एजेंसियों लगातार इस टीम को सुरक्षा उपलब्ध कराती है। इन अफसरों के परिवार के सदस्यों पर भी करीबी नजर रखी जाती है।
बजट इंफॉर्मेशन लीक होने पर वित्तमंत्री को देना पड़ा था इस्तीफा
बजट डॉक्युमेंट की सुरक्षा भी बहुस्तरीय होती है। इसकी वजह यह है कि इंडिया में पहले बजट डॉक्युमेंट्स लीक हो हो चुके हैं। आजाद भारत का पहला बजट वित्त वर्ष 1947-48 का था। इसे केंद्रीय वित्तमंत्री आरके षणमुखम ने पेश किया था। ब्रिटेन के वित्तमंत्री एच डाल्टन ने तब इनकम टैक्स कानून में होने वाले प्रस्तावित बदलावों के बारे में पत्रकार को बता दिया था। इससे बजट पेश होने से पहले ही उसके कंटेंट पब्लिक हो गए थे। इस पर बवाल होने के बाद डाल्टन को इस्तीफ देना पड़ा था।
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आजादी के बाद लीक हो चुके हैं बजट डॉक्युमेंट्स
1950 में भी बजट डॉक्युमेंट लीक होने की घटना हुई थी। बजट की जानकारी तब लीक हुई थी, जब राष्ट्रपति भवन में इसकी प्रिटिंग का काम चल रहा था। इस घटना के बाद बजट डॉक्युमेंट की प्रिंटिंग का कमा मिंटो रोड स्थिति सरकारी प्रेस में भेज दिया गया था। 1980 से इसकी छमाई दिल्ली नॉर्थ ब्लॉक में सेक्रेटेरियट बिल्डिंग प्रेस में हो रही है।