यूनियन बजट 2025 सरकार उन राज्यों के लिए खजाना खोल सकती है, जिनमें इस कैलेंडर साल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इनमें पहला नाम दिल्ली का है और दूसरा नाम बिहार का है। दिल्ली छोटा राज्य है। बिहार बड़ा होने के साथ ही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के लिए काफी अहम है। इसकी वजह यह है कि बिहार में अभी जदयू और बीजेपी की सरकार है, जिसके मुखिया नीतीश कुमार हैं। जदयू एनडीए का हिस्सा है। नीतीश की जदयू और चंद्रबाबु नायडू की टीडीपी के समर्थन पर केंद्र की सरकार टिकी है। इसका असर 2024 में लोकसभा चुनावों के बाद 23 जुलाई को पेश फुल बजट पर दिखा था। सरकार ने बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए अपना खजाना खोल दिया था।
बिहार ने केंद्र सरकार को 32 पेज में अपनी मांगें बताई है
बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने पिछले महीने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को 32 पेज का मेमोरंडम सौंपा था। इसमें बिहार को हर साल आने वाली बाढ़ से बचाने के लिए नेपाल के साथ मिलकर बांध बनाने में केंद्र सरकारी की मदद की मांग भी शामिल है। बिहार ने बरसात के मौसम में बाढ़ की समस्या से निपटने के लिए ड्रेनेज और पुल बनाने के लिए अतिरिक्त 13,000 करोड़ रुपये की मांग भी केंद्र सरकार से की है। बिहार सरकार ने केंद्र सरकार से उधार लेने की अपनी क्षमता बढ़ाए जाने की भी मांग की है।
दरभंगा एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने की मांग
बिहार सरकार ने राज्य में हवाई सुविधाएं बढ़ाने की मांग भी केंद्र सरकार से की है। उप मुख्यमंत्री ने कहा है कि केंद्र सरकार को दरभंगा एयरपोर्ट की क्षमता बढ़ाने के उपाय करने होंगे। सरकार को दरभंगा एयरपोर्ट को इंटरनेशनल एयरपोर्ट का दर्जा देना चाहिए। साथ ही केंद्र सरकार को राजगीर और भागलपुर में नए एयरपोर्ट्स बनाने का भी ऐलान करना चाहिए। केंद्र सरकार को बजट में रक्सौल एयरपोर्ट बनाने का भी ऐलान करना होगा। बिहार सरकार ने 10 नए केंद्रीय विद्यालय शुरू करने के लिए भी एप्रूवल मांगा है। उम्मीद है कि सरकार बजट में बिहार की मांग पूरी करेगी।
जुलाई 2024 के बजट में सीतारमण ने बिहार के लिए खोला था खजाना
पिछले साल 23 जुलाई को पेश बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार के लिए केंद्र सरकार का खजाना खोल दिया था। वित्तमंत्री ने बिहार के कई बड़े प्रोजेक्ट्स को भी मंजूरी दी थी। खासकर राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए केंद्र सरकार ने काफी दरियादिली दिखाई थी। केंद्र सरकार ने चार खास रोड प्रोजेक्ट्स के लिए 26,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया था। पावर प्रोजेक्ट्स के लिए 21,400 करोड़ रुपये का आवंटन किया था। इसके अलावा केंद्र सरकार ने नए एयरपोर्ट्स, मेडिकल कॉलेज और स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्र्क्चर के लिए बड़ा आवंटन किया था।