प्रमुख उद्योग चैंबर सीआईआई ने सरकार को यूनियन बजट 2026 में बड़े रिफॉर्म्स करने की सलाह दी है। उसने कहा है कि इससे पब्लिक और प्राइवेट इनवेस्टमेंट के साथ ही विदेशी निवेश बढ़ेगा। इससे इंडियन इकोनॉमी की तेज रफ्तार बनाए रखने में भी मदद मिलेगी। भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2026 को यूनियन बजट पेश कर सकती हैं। हालांकि, अभी सरकार ने इस बारे में औपचारिक ऐलान नहीं किया है।
पूंजीगत खर्च 12 फीसदी बढ़ाने की सलाह
कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) ने अगले वित्त वर्ष के यूनियन बजट में केंद्र सरकार का पूंजीगत खर्च 12 फीसदी और राज्यों को पूंजीगत खर्च में मदद 10 फीसदी तक बढ़ाने की सलाह दी है। उसने 2026-32 के लिए 150 लाख करोड़ रुपये का नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (NIP) 2.0 लॉन्च करने का भी सुझाव दिया है। उसने कहा है कि सरकार को नए निवेश, उत्पादन या टैक्स कंट्रिब्यूशन में ज्यादा योगदान देने वाली कंपनियों को टैक्स क्रेडिट्स या कंप्लायंस में राहत देनी चाहिए। सरकार को एनआरआई इनवेस्टमेंट प्रमोशन फंड भी शुरू करना चाहिए।
सॉवरेन स्ट्रेटेजी काउंसिल शुरू करने का सुझाव
सीआईआई देश का सबसे बड़ा उद्योग चैंबर है। उसने कहा है कि सरकार को नए कैपिटल एक्सपेंडिचर और टेक्नोलॉजी अपग्रेड को प्रोत्साहित करने के लिए फिर से डेप्रिसिएशन बेनेफिट्स शुरू करना चाहिए। खासकर एमएसएमई और मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज के लिए ये उपाए किए जाने चाहिए। उसने सॉवरेन स्ट्रेटेजी काउंसिल (SIFC) की शुरुआत कर नेशनल इनवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (NIIF) को मजबूती देने का सुझाव भी सरकार को दिया है।
स्टैबिलिटी के साथ ग्रोथ बढ़ाने के उपाय जरूरी
सीआईआई के डायरेक्टर जनरल चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, "वित्त वर्ष 2026-27 के यूनियन बजट में स्टैबिलिटी के साथ ही ग्रोथ बढ़ाने के उपाय होने चाहिए। इसके लिए इनवेस्टमेंट बढ़ाने पर फोकस रखना होगा।" उद्योग चैंबर का मानना है कि सरकार को फिक्सल प्रूडेंस, कैपिटल एफिशिएंसी और इनवेस्टर कॉन्फिडेंस को ध्यान में रखते हुए इनवेस्टमेंट के लिए व्यापक स्ट्रटेजी तैयार करनी होगी।
पहली और दूसरी तिमाही में इकोनॉमी की ग्रोथ तेज
यूनियन बजट 2026 ऐसे वक्त पेश होने जा रहा है, जब इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ जबर्दस्त है। इस वित्त वर्ष की पहली और दूसरी तिमाही की जीडीपी ग्रोथ अनुमान से ज्यादा रही। इसके बाद आरबीआई सहित दूसरे वित्तीय संस्थानों ने इस वित्त वर्ष की ग्रोथ के अनुमान को बढ़ाया है। अगर अगले बजट में सरकार ग्रोथ के उपायों पर फोकस बनाए रखती है तो आगे भी इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ तेज बनी रह सकती है।