यूनियन बजट 2025 पेश होने की तारीख आ चुकी है। 1 फरवरी को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण यूनियन बजट पेश करेंगी। मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स की नजरें 1 फरवरी पर टिकी हैं। उन्हें उम्मीद है कि इस बार वित्तमंत्री उनके लिए खास राहत का ऐलान करेंगी। जुलाई 2024 के यूनियन बजट में वित्तमंत्री ने इनकम टैक्स की नई रीजीम के टैक्सपेयर्स के लिए बड़े ऐलान किए थे। लेकिन, पुरानी रीजीम के टैक्सपेयर्स को निराशा हाथ लगी थी।
नई और पुरानी दोनों रीजीम के टैक्सपेयर्स को मिलेगी राहत
1 फरवरी को इनकम टैक्स (Income Tax) की नई और पुरानी दोनों रीजीम के टैक्सपेयर्स के लिए बड़े ऐलान होने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक, इस बारे में जल्द अंतिम फैसला होने की उम्मीद है। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार इनकम टैक्स की दोनों रीजीम के टैक्सपेयर्स के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ा सकती है। इसका सरकार के रेवेन्यू पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन नौकरी करने वाले लोगों को बड़ी राहत मिल जाएगी। अभी इनकम टैक्स की नई रीजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन 75,000 रुपये है। ओल्ड रीजीम में स्टैंडर्ड डिक्शन (Standard Deduction) 50,000 रुपये है। यह ध्यान में रखना जरूरी है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा सिर्फ नौकरी करने वाले लोगों को मिलता है। सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह की नौकरी करने वाले लोगों को स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा मिलता है।
नौकरी करने वाले लोगों को होगा ज्यादा फायदा
सरकार मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स की बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट बढ़ा सकती है। अभी इनकम टैक्स की नई रीजीम में बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट 3 लाख रुपये है। पुरानी रीजीम में यह 2.5 लाख रुपये है। सरकार दोनों ही रीजीम में टैक्स एग्जेम्प्शन लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक कर सकती है। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि कम इनकम वाले लोगों के लिए टैक्स छूट बढ़ाने से सरकार की इनकम पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन इससे लोगों के बीच सेंटिमेंट मजबूत होगा।
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मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स पर टैक्स घटेगा
वित्तमंत्री मिडिल क्लास के लोगों पर टैक्स का बोझ घटाने के लिए 1 फरवरी को बड़ा ऐलान कर सकती हैं। अभी इनकम टैक्स की पुरानी रीजीम में सालाना 10 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगता है। नई रीजीम में सालाना 15 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगता है। 30 फीसदी टैक्स का सबसे ज्यादा स्लैब है। फाइनेंशियल एडवाइजर्स का कहना है कि सालाना 15-20 लाख रुपये इनकम वाले लोगों पर टैक्स का बोझ कॉर्पोरेट टैक्स से ज्यादा है। इसे जल्द कम करने की जरूरत है। अगर 15-20 लाख रुपये की सालाना इनकम पर टैक्स घटाया जाता है तो इससे लोगों के हाथ में खर्च के लिए ज्यादा पैसे बचेंगे। इससे कंजम्प्शन बढ़ेगा, जिसका अच्छा असर इकोनॉमिक ग्रोथ पर पड़ेगा।