यूनियन बजट 2025 पेश होने की तारीख काफी नजदीक आ गई है। इनकम टैक्सपेयर्स खासकर 15-10 लाख सालाना इनकम वाले लोगों को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं। अनुमान है कि कंजम्प्शन बढ़ाने के लिए सरकार इनकम टैक्स में कमी कर सकती है। इससे लोगों के हाथ में ज्यादा पैसे बचेंगे। इससे कंज्पम्शन बढ़ेगा। सूत्रों का कहना है कि सरकार कई विकल्पों पर विचार कर रही है। इस बारे में एक-दो दिन में अंतिम फैसला हो जाने की उम्मीद है।
राहत के दो विकल्पों पर विचार
सरकार मुख्य रूप से राहत के दो विकल्पों पर विचार कर रही है। इसमें पहला है 10 लाख सालाना इनकम को टैक्स से पूरी तरह से छूट। अभी इनकम टैक्स (Income Tax ) की नई और पुरानी रीजीम में टैक्स एग्जेम्प्शन लिमिट अलग-अलग है। पुरानी रीजीम में सालाना 2.5 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स नहीं लगता है। नई रीजीम में सालाना 3 लाख रुपये तक की इनकम को टैक्स से छूट हासिल है। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार को इसे बढ़ाने की जरूरत है।
नया टैक्स स्लैब शुरू हो सकता है
इनकम टैक्स की नई रीजीम में नया टैक्स स्लैब शुरू करने पर भी सरकार विचार कर रही है। अभी इनकम टैक्स की नई रीजीम में सालाना 15 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगता है। ओल्ड रीजीम में सालाना इनकम 10 लाख रुपये से ज्यादा होने पर 30 फीसदी टैक्स चुकाना पड़ता है। नई रीजीम में सरकार 15 से 18 लाख रुपये सालाना इनकम वाले लोगों के लिए नया स्लैब शुरू करने पर विचार कर रही है। इस स्लैब के लिए टैक्स 25 फीसदी होगा।
कम इनकम वाले टैक्सपेयर्स से रेवेन्यू नहीं के बराबर
टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि कम इनकम वाले लोगों से सरकार को नाममात्र का रेवेन्यू हासिल होता है। इसलिए अगर सरकार सालाना 10 लाख रुपये तक की इनकम को टैक्स से छूट देती है तो इससे सरकार को ज्यादा नुकसान नहीं होगा। लेकिन, बड़ी संख्या में टैक्सपेयर्स को पेपरवर्क से छुटकारा मिल जाएगा। सरकार को 15-20 लाख इकनम वाले लोगों से ज्यादा रेवेन्यू मिलता है। इसलिए अगर सरकार ऐसे टैक्सपेयर्स पर टैक्स का बोझ घटाती है तो इससे कंप्लायंस भी बढ़ेगा।
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टैक्स नियमों को आसान बनाने की सलाह
टैक्स एक्सपर्ट्स ने सरकार को इनकम टैक्स के नियमों को आसान बनाने के सुझाव दिए हैं। सरकार ने आसान नियम वाली इनकम टैक्स की नई रीजीम की शुरुआत 2020 में की थी। इसमें टैक्स के रेट्स कम हैं। लेकिन, टैक्सपेयर्स को ज्यादातर डिडक्शन का फायदा नहीं मिलता है। पिछले कुछ सालों में इस रीजीम में टैक्सपेयर्स की दिलचस्पी बढ़ी है। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वाले 70 फीसदी से ज्यादा लोग नई रीजीम का इस्तेमाल कर रहे हैं। सरकार लगातार इस रीजीम को अट्रैक्टिव बनाने की कोशिश कर रही है।