वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को सीनियर सिटीजंस के लिए बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने इंटरेस्ट इनकम पर TDS के लिए लिमिट 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी है। इससे रिटायर्ड लोगों को काफी फायदा होगा। ऐसे लोग खर्च के लिए काफी हद तक बैंक डिपॉजिट से इंटरेस्ट इनकम पर निर्भर करते हैं। आइए जानते हैं निर्मला सीतारमण के 1 फरवरी के ऐलान से उन्हें किस तरह फायदा होगा।
अब तक 50000 की इंटरेस्ट इनकम TDS के दायरे से बाहर थी
अब तक सीनियर सिटीजन को बैंक डिपॉजिट से 50,000 रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम TDS के दायरे में नहीं आती थी। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80TTB के तहत उन्हें यह सुविधा मिलती थी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को 50,000 रुपये की इस लिमिट को बढ़ाकर 1 लाख रुपये करने का ऐलान किया है। इसका मतलब है कि बैंक डिपॉजिट से सीनियर सिटीजन को एक वित्त वर्ष में मिलने वाला एक लाख रुपये तक का इंटरेस्ट TDS के दायरे में नहीं आएगा।
50,000 से ज्यादा इंटरेस्ट इनकम पर 10% TDS कटता था
1 फरवरी को वित्तमंत्री के ऐलान के बाद अब अगर किसी सीनियर सिटीजन को बैंक या पोस्ट ऑफिस में अपने डिपॉजिट पर एक वित्त वर्ष में एक लाख रुपये तक का इंटरेस्ट मिलता है तो बैंक या पोस्ट ऑफिस उस पर टीडीएस नहीं काटेगा। पहले बैंक या पोस्ट ऑफिस 50,000 रुपये से ज्यादा इंटरेस्ट इनकम पर 10 फीसदी टैक्स काट लेता था। ऐसे सीनियर सिटीजन के मामले में बैंक 20 फीसदी टीडीएस काटते हैं, जिनके पास PAN नहीं होता है।
सीनियर सिटीजंस को ऐसे होगा फायदा
इंटरेस्ट इनकम पर 10 फीसदी टैक्स कटने से सीनियर सिटीजन को इंटरेस्ट से होने वाली इनकम कम हो जाती है। चूंकि रिटायर्ड लोग अपने खर्च के लिए काफी ज्यादा इंटरेस्ट इनकम पर निर्भर करते हैं। इसलिए टीडीएस की वजह से उन्हें काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। यूनियन बजट में 1 फरवरी को वित्तमंत्री के ऐलान के बाद इंटरेस्ट से 1 लाख रुपये तक की इनकम टीडीएस के दायरे में नहीं आएगी। इसका मतलब है कि हर महीने 8 रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम उनके लिए टीडीएस से बाहर होगी।