यूनियन बजट 2025 पेश होने में एक महीना से कम समय बच गया है। टैक्स एक्सपर्टस का कहना है कि सरकार इस बार इस बार इनकम टैक्स में राहत देने जा रही है। कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार इनकम टैक्स की नई रीजीम में लोगों की दिलचस्पी बढ़ाने के लिए 1 फरवरी, 2025 को बड़े ऐलान करने वाली है। पिछले साल 23 जुलाई को पेश यूनियन बजट में नई रीजीम का अट्रैक्शन बढ़ाने के लिए बड़ा ऐलान किया था। यूनियन बजट 2025 में सरकार नई रीजीम का अट्रैक्शन बढ़ाने के लिए कुछ बड़े ऐलान करेंगी।
इकोनॉमिस्ट्स ने दी है कंजम्प्शन बढ़ाने की सलाह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 24 दिसंबर को हुई मीटिंग में इकोनॉमिस्ट्स ने सरकार को कंजम्प्शन बढ़ाने वाले उपाय करने की सलाह दी थी। कुछ इकोनॉमिस्ट्स का कहना था कि कंजम्प्शन बढ़ाने वाले उपायों से सरकार के रेवेन्यू में कुछ नुकसान हो सकता है। फिर भी, सरकार को डिमांड बढ़ाने और इकोनॉमिक ग्रोथ की रफ्तार बढ़ाने वाले उपायों पर फोकस बढ़ाना चाहिए। हालांकि, पिछले कुछ सालों में सरकार का फोकस फिस्कल डेफिसिट घटाने पर रहा है। 31 दिसंबर को आए फिस्कल डेफिसिट के डेटा से यह साफ हो गया है कि इस वित्त वर्ष में फिस्कल डेफिसिट 4.9 फीसदी के टारगेट से ज्यादा रहने की कोई आशंका नहीं है।
जीएसटी के नियमों को आसान बनाने के ऐलान
कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार को जीएसटी के नियमों को आसान बनाने की भी जरूरत है। इससे कंप्लायंस का बोझ घटेगा। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की प्रायरिटी में जीएसटी हो सकता है। वह यूनियन बजट 2025 में जीएसटी के नियम को आसान बनाने के उपायों का ऐलान कर सकती हैं। सरकार पहले से MSME और एग्रो-फॉर्मिंग सेक्टर को बढ़ावा वाले उपायों पर बातचीत कर रही है। दोनों सेक्टर के लिए नई क्रेडिट स्कीम शुरू हो सकती है।
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कुछ सेक्टर्स को बढ़ाने देने वाले उपाय जरूरी
इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों ने सरकार को कुछ सेक्टर में नियमों को आसान बनाने की सलाह दी है। इससे उन सेक्टर में विदेशी निवेश भी बढ़ेगा। खासकर सरकार ग्रीन एनर्जी जैसे उभरते सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए बजट में बड़ा ऐलान कर सकती है। इस सेक्टर में रोजगार के मौके पैदा करने की भी संभावना है। अगर इकोनॉमी की ग्रोथ 7-8 फीसदी तक लाना है तो रोजगार के मौके बढ़ाने होंगे। जीडीपी ग्रोथ बढ़ाने से 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का सरकार का सपना पूरा हो सकता है।