वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के नाम लगातार 8 बार यूनियन बजट पेश करने का रिकॉर्ड 1 फरवरी को दर्ज हो जाएगा। इस बार वित्तमंत्री पर ऐसा बजट पेश करने का चैलेंज है जिसमें जीडीपी ग्रोथ बढ़ाने का दम हो। इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ घटकर 5.4 फीसदी पर आ गई है। अगर इकोनॉमी की ग्रोथ बढ़ाने के लिए बड़े कदम नहीं उठाए गए तो मुश्किल बढ़ सकती है। इधर, इनकम टैक्सपेयर्स को 1 फरवरी को टैक्स में बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। उम्मीद है कि वित्तमंत्री आम आदमी से लेकर इंडस्ट्री तक की उम्मीदों को पूरा करने वाला बजट 1 फरवरी को पेश करेंगी। आइए जानते हैं उस खास टीम के बारे में जिसने इस बार का बजट बनाया है।
तुहिन कांत पांडेय, फाइनेंस और रेवेन्यू सेक्रेटरी
तुहिन कांत पांडेय 1987 बैच के ओडिशा कैडर के आईएएस अफसर हैं। फाइनेंस और रेवेन्यू सेक्रेटरी के रूप में बजट तैयार करने में उनकी अग्रणी भूमिका है। उन्होंने सरकार का रेवेन्यू बढ़ाने के साथ ही टैक्सपेयर्स की उम्मीदों को ध्यान में रखा है। इनकम टैक्स के नियमों में बड़ा बदलाव करने का काम भी उनकी निगरानी में चल रहा है। उम्मीद है कि नया इनकम टैक्स एक्ट सरकार बजट सत्र में संसद में पेश कर सकती है।
अजय सेठ कर्नाटक कैडर के 1987 बैच के आईएएस अफसर हैं। उन पर फाइनल बजट डॉक्युमेंट तैयार करने और मैक्रोइकोनॉमिक स्टैबिलिटी बनाए रखने की जिम्मेदारी है। कंजम्प्शन बढ़ाने के उपायों के साथ वह फिस्कल कंसॉलिडेशन पर फोकस बनाए रख सकते हैं। इकोनॉमिस्ट्स ने सरकार को कंजम्प्शन बढ़ाने वाले उपाय करने की सलाह दी है।
वी अनंत नागेश्वरन, चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर
नागेश्वरन ने आईआईएम-अहमदाबाद से पढ़ाई की है। अमेरिका की मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी से उन्होंने डॉक्टोरेट की डिग्री भी ली है। बजट से एक दिन पहले पेश होने वाले इकोनॉमिक सर्वे तैयार करने का काम उनकी निगरानी में चल रहा है। वह प्रधानमंत्री की इकोनॉमिक एडवायजरी काउंसिल के सदस्य रह चुके हैं।
मनोज गोविल, सेक्रेटरी-डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर
गोविल मध्य प्रदेश कैडर के 1991 बैच के आईएएस अफसर हैं। वर्तमान जिम्मेदारी संभालने से पहले वह कंपनी मामलों के मंत्रालय में सचिव रह चुके हैं। उन पर केंद्र सरकार की सब्सिडी और सरकारी स्कीमों के लिए पर्याप्त आवंटन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है। उनका फोकस सरकार के खर्च की क्वालिटी बेहतर बनाए रखने पर भी होगा।
एम नागराजू, सेक्रेटरी-डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज
नागराजू 1993 बैच के त्रिपुरा कैडर के आईएएस अफसर हैं। कोयला मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव की जिम्मेदारी संभालने के बाद उन्होंने उन्होंने डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज (DFS) में सचिव की जिम्मेदारी संभाली है। उनका फोकस पर्याप्त क्रेडिट फ्लो, डिपॉजिट मोबलाइजेशन, फिनटेक के रेगुलेशन और इंश्योरेंस कवरेज बढ़ाने पर होगा।
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अरुणीश चावला, सेक्रेटी-दिपम और डीपीी
चावला 1992 बैच के बिहार कैडर के आईएएस अफसर हैं। इससे पहले वह फार्मास्युटिकल्स डिपार्टमेंट में हैं। अब उन पर डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) की जिम्मेदारी है। उनके पास डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक एंटरप्राइजेज की भी जिम्मेदारी है। उन पर सरकार के विनिवेश प्रोग्राम को पूरा करने की खास जिम्मेदारी है।