यूनियन बजट 2025 पेश होने से पहले मार्केट का मूड कुछ ठीक होता दिख रहा है। 20 जनवरी को मार्केट हरे निशान में खुले। फिर अच्छी खरीदारी से सेंसेक्स और निफ्टी दोपहर में 0.80 फीसदी तक चढ़ गए। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से पहले इंडियन स्टॉक मार्केट की यह तेजी उत्साहित करने वाली है। इसकी वजह यह है कि ट्रंप राष्ट्रपति बनते ही सैकड़ों फैसलों पर हस्ताक्षर करने वाले हैं। उनके कुछ फैसलों का असर इंडिया में स्टॉक मार्केट पर दिख सकता है। इस बारे में जानने के लिए मनीकंट्रोल ने इक्विरियल वेल्थ के सीईओ अभिजीत भावे से बातचीत की। भर्वे को वेल्थ मैनेजमेंट का 25 साल से ज्यादा का अनुभव है।
डोनाल्ड ट्रंप के फैसलो का नहीं पड़ेगा ज्यादा असर
भावे ने कहा कि ट्रंप (Donald Trump) का फोकस अमेरिकी हितों पर रहेगा। वह 'अमेरिकी फर्स्ट' की पॉलिसी अपना सकते हैं। वह व्यापार से जुड़े समझौतों और टैरिफ में बदलाव कर सकते हैं। वह इमिग्रेशन के नियमों को भी सख्त बनाने का ऐलान कर सकते हैं। राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले वह इस बारे में संकेत दे चुके हैं। अगर अमेरिका की नई सरकार H1B वीजा के नियमों में बदलाव करती है या टैरिफ को लेकर बड़ा फैसला करती है तो इसका इंडियन कंपनियों पर असर पड़ेगा। खासकर इंडियन आईटी कंपनियों और उन कंपनियों पर असर पड़ेगा, जो ज्यादा एक्सपोर्ट करती हैं। लेकिन, चूंकि इंडिया अपने एक्सपोर्ट मार्केट के डायवर्सिफिकेशन पर काम कर रहा है और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग क्षमता बढ़ा रहा है, जिससे इसका ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।
सरकार के ये ऐलान मार्केट में भर सकते हैं जोश
यूनियन बजट में सरकार के कौन से ऐलान स्टॉक मार्केट में जोश भर सकते हैं? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कि बाजार की नजरें कैपिटल एक्सपेंडिचर के टारगेट पर लगी हैं। इसके अलावा सरकार रिन्यूएबल, इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग जैसे सेक्टर के लिए स्पेशल स्कीम का ऐलान कर सकती है। इधर, इनकम टैक्सपेयर्स को भी बजट में टैक्स में कमी का ऐलान होने की उम्मीद है। अगर ये उम्मीदें पूरी होती हैं तो स्टॉक मार्केट का मूड बदल सकता है। सरकार स्टार्टअप्स के लिए भी नियमों को आसान बनाने का ऐलान यूनियन बजट में कर सकती है। सरकारी कंपनियों के प्राइवेटाइजेशन के लिए स्कीम आ सकती है। अगर ऐसा होता है तो स्टॉक मार्केट में तेजी लौट आएगी।
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कैपिटल एक्सपेंडिचर 10-15 फीसदी बढ़ने की उम्मीद
इकोनॉमिस्ट्स और इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों ने बजट से पहले अपनी सलाह में सरकार को कंजम्प्शन बढ़ाने के उपाय करने को कहा है। अगर सरकार पूंजीगत खर्च के टारगेट को 10-15 फीसदी बढ़ाती है तो इससे कंजम्प्शन बढ़ेगा। FY14 में सरकार ने पूंजीगत खर्च के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये का टारगेट रखा था। लेकिन, 31 मार्च, 2025 तक इस टारगेट के पूरा होने की कम ही उम्मीद है। पिछले साल लोकसभा चुनावों की वजह से जून तिमाही में पूंजीगत खर्च की रफ्तार सुस्त रही।