केंद्र सरकार ने इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के उधार लेने के अपने प्लान का ऐलान कर दिया है। सरकार ने इस बारे में 26 सितंबर को बताया। सरकार ने कहा है कि वह अक्टूबर से मार्च की अवधि के लिए 6.77 लाख करोड़ रुपये का उधार मार्केट से ले सकती है। इसमें से 10,000 करोड़ रुयये सरकार सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड्स के जरिए जुटाएगी।
अक्टूबर से मार्च के बीच 22 ऑक्शंस होंगे
फाइनेंशियल ईयर 20225-26 की दूसरी छमाही में 22 ऑक्शंस होंगे। इसकी शुरुआत 29 सितंबर के ऑक्शन के साथ होगी। इस ऑक्शन के जरिए सरकार 32,000 करोड़ रुपये जुटाएगी। इसके लिए वह 10 साल के गवर्नमेंट ऑफ इंडिया (GOI) के बॉन्ड्स जारी करेगी। अंतिम ऑक्शन 6 मार्च, 2026 को होगा। कैलेंडर के मनीकंट्रोल के एनालिसिस के मुताबिक, दूसरी छमाही में सरकार के कुल बॉरोइंग में 10 साल से ज्यादा अवधि वाले बॉन्ड्स की हिस्सेदारी 75 फीसदी होगी।
पहली छमाही में 8 लाख करोड़ उधारी का अनुमान
इस फाइनेंशियल ईयर की पहली छमाही में सरकार के उधार से 8 लाख रुपये से ज्यादा पैसा जुटाने का अनुमान है। सरकार का इस फाइनेंशियल ईयर में उधार से 14.82 लाख करोड़ रुपये जुटाने का प्लान है। यह पिछले वित्त वर्ष के 14.01 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है। सरकार के इस फाइनेंशियल ईयर में 4.4 फीसदी के फिस्कल डेफिसिट के टारगेट को हासिल कर लेने की उम्मीद है।
जीएसटी रेट्स घटने से सरकार का रेवेन्यू घट सकता है
हालांकि, इस वित्त वर्ष में सरकार के रेवेन्यू में गिरावट आ सकती है। खासकर जीएसटी रेट्स में कमी का असर सरकार के रेवेन्यू पर पड़ेगा। आरबीआई से 2.7 लाख करोड़ रुपये से उम्मीद से ज्यादा डिविडेंड से भी सरकार को फिस्कल डेफिसिट को काबू में रखने में मदद मिल सकती है। सरकार हर साल यूनियन बजट में अगले वित्त वर्ष के लिए अपने बॉरोइंग प्लान के बारे में बताती है।