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Unemployment Rate: मई में बढ़ी भारत की बेरोजगारी दर, महिलाओं पर दिखा ज्यादा असर, जानिए क्या है आंकड़े

Unemployment Rate: बेरोजगारी दर में यह बढ़ोतरी ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में देखी गई और खास तौर पर यह युवाओं के बीच अधिक रही। 15-29 आयु वर्ग में ग्रामीण भारत में बेरोजगारी दर अप्रैल में 12.3% से बढ़कर मई में 13.7% हो गई है

अपडेटेड Jun 16, 2025 पर 10:07 PM
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मई के महीने में श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) में भी कमी आई है

Unemployment Rate: सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी लेटेस्ट पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे(PLFS) के अनुसार, मई 2025 में भारत की बेरोजगारी दर अप्रैल के 5.1% के मुकाबले बढ़कर 5.6% हो गई है। बेरोजगारी दर में यह बढ़ोतरी ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में देखी गई और खास तौर पर यह युवाओं के बीच अधिक रही। 15-29 आयु वर्ग में ग्रामीण भारत में बेरोजगारी दर अप्रैल में 12.3% से बढ़कर मई में 13.7% हो गई। वहीं शहरी क्षेत्रों में युवा बेरोजगारी अप्रैल में 17.2% से बढ़कर मई में 17.9% हो गई। महिलाओं में बेरोजगारी दर के आंकड़ों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। मई में महिलाओं की बेरोजगारी दर 5.8% हो गई, जो इसी महीने पुरुषों के लिए दर्ज की गई 5.6% की बेरोजगारी दर से अधिक है।

काम करने वालों की संख्या में भी आई गिरावट

ऐसे ही करंट वीकली स्टेटस (CWS) में श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) में भी कमी आई है। बता दें कि ये 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों का अनुपात मापती है इसमें वे लोग आते है जो तहत जो या तो काम कर रहे हैं या एक्टिव रूप से काम की तलाश में हैं, उनकी संख्या मई 2025 में 54.8% रही, जो अप्रैल में 55.6% से कम है। ग्रामीण LFPR 56.9%, जबकि शहरी LFPR 50.4% रही। इस आयु वर्ग के पुरुषों के लिए ग्रामीण और शहरी LFPRs में अप्रैल में क्रमशः 79.0% और 75.3% से थोड़ी गिरावट आई, जो 78.3% और 75.1% हो गई।


श्रमिक जनसंख्या अनुपात भी घटा 

श्रमिक जनसंख्या अनुपात(WPR) भी महीने-दर-महीने गिरा है। मई 2025 में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में WPR 54.1% था, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 46.9% था। वहीं कुल WPR अप्रैल में 52.8% से घटकर मई में 51.7% हो गया। इस महीने भी वर्कफोर्स में महिलाओं की भागीदारी कम बनी रही। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए WPR 35.2% और शहरी क्षेत्रों में सिर्फ 23.0% दर्ज किया गया। कुल मिलाकर महिला WPR 31.3% रहा।

मौसमी रुझानों से जुड़ी है बेरोजगारी में वृद्धि: MoSPI

बेरोजगारी में हुई वृद्धि पर सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय(MoSPI) ने कहा है कि, यह आंकड़ा रबी की फसल के मौसम के अंत से मेल खाता है, जिससे आमतौर पर पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए कृषि नौकरियों में अस्थायी कमी आती है। MoSPI के अनुसार, LFPR और WPR में गिरावट, बेरोजगारी दर (UR) में वृद्धि के साथ, मुख्य रूप से मौसमी कृषि पैटर्न और मई में उच्च तापमान के कारण हुई, जिसने कई क्षेत्रों में आउटडोर काम को प्रभवित किया।

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