Indian Economy : US टैरिफ के बावजूद देश की GDP में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। दूसरी तिमाही में देश की ग्रोथ रेट 6 तिमाही में सबसे ज्यादा रही है। दूसरी तिमाही में GDP सालाना आधार पर 5.6 फीसदी से बढ़कर 8.2 फीसदी पर रही है, जबकि पछली तिमाही में ये 7.8 फीसदी पर थी। ग्रोथ को ग्रामीण डिमांड और मैन्युफैक्चरिंग से सपोर्ट मिला है।
जिन सेक्टर्स में सबसे ज्यादा उछाल देखने को मिला है उनमें मैन्यूफैक्चरिंग ग्रोथ 2.2 फीसदी से बढ़कर 9.1 फीसदी पर, इलेक्ट्रिसिटी ग्रोथ 3 फीसदी से बढ़कर 4.4 फीसदी पर, फाइनेंस एंड रियल एस्टेट ग्रोथ 7.2 फीसदी से बढ़कर 10.2 फीसदी पर पहुंच गई है। अमेरिका के साथ टैरिफ को लेकर उतार-चढ़ाव के बावजूद एक्सपोर्ट ग्रोथ 3 फीसदी से बढ़कर 5.6 फीसदी पर आ गई है। इसके अलावा इंडस्ट्रीज ग्रोथ 3.8 फीसदी से बढ़कर 7.7 फीसदी और services ग्रोथ 7.2 फीसदी से बढ़कर 9.2 फीसदी पर पहुंच गई है।
जीडीपी पर सीएनबीसी-आवाज़ के मैनेजिंग एडिटर अनुज सिंघल की राय
अनुज सिंघल ने कहा कि सुनो गौर से दुनिया वालों, चाहे जितना जोर लगा लो, सबसे आगे होंगे हिंदुस्तानी। 8.2 फीसदी की GDP ग्रोथ और वो भी दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकॉनमी की, ये अपने में बहुत बड़ी बात है। ये वक्त बाजार पर स्ट्रक्चरली बुलिश रहने का है। इस समय भारत सबसे बेहतरीन मैक्रो पोजीशन में है। मजबूत इकॉनमी, कम महंगाई और कम ब्याज दरों का तड़का बाजार में नया जोश भर सकता है। यही नहीं,अभी तो GST कटौती का असली असर दिखना बाकी है। अगर GDP का आंकड़ा 10 फीसदी को हिट कर दे तो भी हैरानी नहीं होनी चाहिए। अब तक तमाम देशों ने सिर्फ 10 फीसदी ग्रोथ के सपने देखे हैं। भारत की इकॉनमी 10% ग्रोथ दिखा सकती है। निफ्टी में 26,500 और बैंक निफ्टी में 60,000 के बड़े लक्ष्य जल्दी हिट होंगे। उसके बाद इन टारगेट को और ट्रेलिंग SL को ऊपर लेकर आएंगे।
क्या GDP ग्रोथ का मतलब नौ रेट कट है?
अनुज सिंघल का कहना है कि Q2 में 8.2 फीसदी GDP का मतलब पहली छमाही में GDP 8 फीसदी होना है। ज्यादातर इकोनॉमिस्ट पूरे साल के GDP अनुमान को ऊपर की ओर बढ़ाया है। पूरे साल के GDP अनुमान की बात करें तो SBI ने पूरे साल के लिए 7.8 फीसदी ग्रोथ का अनुमान लगाया है। वहीं, कोटक का मानना है कि इस साल 7.8 फीसदी ग्रोथ देखने को मिल सकती है। पूरे साल के लिए ICRA का जीडीपी ग्रोथ अनुमान 7.5 फीसदी है। वहीं, HDFC बैंक का मानना है कि इस साल 7.3 फीसदी जीडीपी ग्रोथ देखने को मिल सकती है।
अनुज सिंघल ने आगे कहा कि अब बड़ा सवाल ये है कि इस माहौल में RBI रेट कट को कैसे डिफेंड करेगा। लेकिन यहां सवाल यह भी है कि ग्रोथ के इंजन में और फ्यूल कैसे डाला जाए? सरकार और RBI एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं। RBI पर तुक्का नहीं लगाएंगे लेकिन रेट कटौती की गुंजाइश अभी बाकी है। गौरतलब कि आमतौर पर इकोनॉमी में सुस्ती रहने पर सेंट्रल बैंक ग्रोथ को बूस्ट देनें के लिए रेट कट का सहारा लेते हैं।
दिसंबर पॉलिसी में RBI कर सकता है रेट कट: HSBC
HSBC का कहना है कि वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर GDP बढ़कर 8.2 फीसदी पर रहा है। इकोनॉमी को GST कट और लो बेस का फायदा मिला है। ग्रोथ की रफ्तार अभी अच्छी है। इसमें मार्च 2026 से नरमी संभव है। दिसंबर पॉलिसी में RBI रेट कट कर सकता है
दिसंबर में रेट कट की संभावना घटकर 60% हुई : NOMURA
उधर NOMURA की राय है कि मजबूत GDP नंबर्स के बाद RBI सख्त फैसले ले सकता है। वित्त वर्ष 2026 का ग्रोथ अनुमान 7.0 फीसदी से बढ़ाकर 7.5 फीसदी किया गया है। RBI से दिसंबर पॉलिसी में 25 बेसिस प्वाइंट रेट कट की उम्मीद है। लेकिन दिसंबर में रेट कट की संभावना घटकर 60 फीसदी हो गई है।
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