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योगी मॉडल: 8 साल में 17 लाख करोड़ बढ़ी उत्तर प्रदेश की आय, 5 साल से रेवेन्यू सरप्लस

भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट बताती है कि साल 2022-23 में देश के 16 राज्यों ने राजस्व अधिशेष की स्थिति प्राप्त की। इनमें उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर रहा है। यानी यूपी की आमदनी उसके खर्च से ज्यादा रही। राज्य ने 37,000 करोड़ रुपये का अधिशेष दर्ज किया है

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 27, 2025 पर 6:59 PM
योगी मॉडल: 8 साल में 17 लाख करोड़ बढ़ी उत्तर प्रदेश की आय, 5 साल से रेवेन्यू सरप्लस
योगी मॉडल: 8 साल में 17 लाख करोड़ बढ़ी उत्तर प्रदेश की आय, 5 साल से रेवेन्यू सरप्लस

किसी भी सरकार की जिम्मेदारी होती है कि वह जनता के पैसों का सही उपयोग करे। राज्य के पास जितने संसाधन हैं, उनका इस्तेमाल विकास के कामों में हो और आमदनी लगातार बढ़े, तभी अर्थव्यवस्था आगे बढ़ती है। इस दिशा में उत्तर प्रदेश ने हाल के वर्षों में बड़ी सफलता हासिल की है।

भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट बताती है कि साल 2022-23 में देश के 16 राज्यों ने राजस्व अधिशेष (सरप्लस) की स्थिति प्राप्त की। इनमें उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर रहा है। यानी यूपी की आमदनी उसके खर्च से ज्यादा रही। राज्य ने 37,000 करोड़ रुपये का अधिशेष दर्ज किया है। यह इस बात का सबूत है कि प्रदेश अब वित्तीय अनुशासन के साथ काम कर रहा है।

सरकार की यह सफलता अचानक नहीं आई। इसके पीछे पिछले कुछ वर्षों में किए गए कई सुधार हैं। सबसे अहम सुधार कर व्यवस्था में हुए बदलाव हैं। वर्ष 2017 में लागू जीएसटी (GST) व्यवस्था ने कर संग्रह को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई। हाल ही में जीएसटी की दरों में की गई कटौती के बाद उपभोग बढ़ा है और कर राजस्व में भी तेजी की संभावनाएं हैं, जिसका आँकलन भविष्य में होगा।

राज्य की आय का बड़ा हिस्सा जीएसटी, वैट और उत्पाद शुल्क जैसे अप्रत्यक्ष करों से आता है। ये कर लोगों की खरीदारी और उपभोग पर आधारित होते हैं। जैसे-जैसे लोगों की आय बढ़ी है और खर्च करने की क्षमता बढ़ी है, वैसे-वैसे सरकार की आमदनी भी बढ़ी है।

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