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बदलने वाला है GDP का पूरा गणित, सरकार ने शुरू की बड़ी तैयारी

GDP के आंकड़ों को मापने के तरीकों में बड़े बदलाव की तैयारी है। एक तो इसका आधार वर्ष बदला जाएगा और दूसरा इनमें ऐसे आंकड़ों को शामिल किया जाएगा जिन्हें इससे पहले के बदलावों में शामिल नहीं किया गया था। जानिए कि अब इसका आधार वर्ष यानी बेस ईयर क्या होगा और इनमें जो आंकड़े शामिल करने की योजना है, उससे क्या फायदा होगा?

Edited By: Jeevan Deep Vishawakarmaअपडेटेड Nov 22, 2025 पर 9:39 AM
बदलने वाला है GDP का पूरा गणित, सरकार ने शुरू की बड़ी तैयारी
मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन (MoSPI) ने 21 नवंबर को एक डिस्कशन पेपर जारी किया जिसमें जीडीपी मापने के नए तरीके का खाका पेश किया गया है।

अगले साल फरवरी 2026 में जीडीपी को लेकर बड़े बदलाव से पहले सरकार GDP के अनुमान के फ्रेमवर्क में बड़े बदलाव की तैयारियों में जुटी है। इसे लेकर मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन (MoSPI) ने 21 नवंबर को एक डिस्कशन पेपर जारी किया जिसमें जीडीपी मापने के नए तरीके का खाका पेश किया गया है। जीडीपी की रिवाइज्ड सीरीज में 2022-23 को नए बेस वर्ष के तौर पर अपनाया जाएगा। इसके अलावा इसमें कुछ नए आंकड़े शामिल किए जाएंगे जो करीब एक दशक हुए पहले हुए बकाए में शामिल नहीं थे।

इसमें एक्टिव कंपनियों का रिफाइंड फ्रेमस लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप्स (LLPs) की विस्तृत फाइलिंग, कॉरपोरेट एनुअल रिटर्न से और खुलासे, असंगठित एंटरप्राइजेज के सालाना सर्वे को शामिल किया जाएगा। ये सभी इनपुट संस्थागत क्षेत्रों में, खासतौर से प्राइवेट कंपनियों और MSME-हैवी एक्टिविटीज में, डेटा गैप को भरते हुए अनुमान को अधिक मजबूत बनाने में मदद करेंगे। मिनिस्ट्री का कहना है कि जीडीपी के एक्सपेंडिचर साइड में प्रस्तावित बदलावों के साथ-साथ अतिरिक्त पेपर्स भी जारी किए जाएंगे। अपडेटेड बैक सीरीज और रिवाइज्ड नेशनल अकाउंट्स वित्त वर्ष 2026 के दूसरे रिवाइज्ड एस्टीमेट्स के साथ 27 फरवरी 2026 को जारी किए जाने हैं।

GDP से जुड़े क्या-क्या होने हैं बदलाव और क्या होगा असर?

जीडीपी को लेकर एक अहम सुधार ये है कि अब कंपनियों के कारोबार (टर्नओवर) को विशिष्ट कारोबारी गतिविधियों के आधार पर मापा जा सकेगा। इससे स्टैटिस्टिसयन यानी आंकड़ों पर काम करने वाले एक्सपर्ट्स कई सारी एक्टिविटीज वाली कंपनियों के आउटपुट को सभी ऑपरेशनल सेगमेंट्स में सही तरीके से बांट सकेंगे, बजाय इसके कि पूरे प्रोडक्शन को केवल एक अहम बिजनेस कैटेगरी में दिखाया जाए। वहीं LLP के आंकडों को शामिल करने पर सर्विसेज और प्रोफेशनल एक्टिविटीज में लंबे समय से जारी डेटा-गैप को दूर करने में मदद करेगी।

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