NCERT New Syllabus: भारतीय सेना के महान योद्धाओं फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ, मेजर सोमनाथ शर्मा और ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान के जीवन एवं विरासत पर आधारित चैप्टर मौजूदा शैक्षणिक वर्ष के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के सिलेबस में जोड़े गए हैं। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस कदम का उद्देश्य छात्रों को साहस, कर्तव्य और बलिदान की प्रेरणादायक कहानियों से परिचित कराना है।
NCERT ने कहा कि फील्ड मार्शल मानेकशॉ फील्ड मार्शल का पद पाने वाले भारत के पहले अधिकारी थे, जिन्हें उनके असाधारण नेतृत्व और रणनीतिक कौशल के लिए याद किया जाता है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, NCERT ने अपने सिलेबस में तीन वीर सैनिकों की जिंदगी और उनके बलिदान की कहानियां जोड़ी जाएंगी।
बयान में कहा गया कि ब्रिगेडियर उस्मान और मेजर शर्मा को क्रमशः महावीर चक्र और परमवीर चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया। उन्होंने कर्तव्य निभाते हुए अपने प्राणों की आहुति दी और वे सर्वोच्च बलिदान के चिरस्थायी प्रतीक बने रहेंगे।
मंत्रालय के अनुसार, फील्ड मार्शल मानेकशॉ पर अध्याय कक्षा 8 (उर्दू), ब्रिगेडियर उस्मान पर चैप्टर कक्षा 7 (उर्दू) और मेजर शर्मा पर चैप्टर कक्षा 8 (अंग्रेजी) में शामिल किए गए हैं। उसने कहा कि नए शुरू किए गए अध्यायों का उद्देश्य छात्रों को साहस और कर्तव्य की प्रेरणादायक कहानियों से परिचित कराना है।
NCERT की कक्षा 8वीं की नई किताब 'समाज की खोज: भारत और उससे आगे' हाल ही में चर्चा में आई थी। इस किताब में मुगल सम्राटों के शासनकाल का वर्णन करते हुए कहा गया है कि अकबर का शासन क्रूरता और सहिष्णुता का मिश्रण था। बाबर एक क्रूर विजेता था, जबकि औरंगजेब एक सैन्य शासक था, जिसने गैर-मुसलमानों पर फिर से कर लगा दिया था।
NCERT के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के चरण के रूप में एनसीईआरटी ने आधारभूत स्तर के लिए नेशनल नेशनल करिकुलम की रूपरेखा और स्कूली शिक्षा के लिए नेशनल करिकुलम की रूपरेखा तैयार की है।
एनसीईआरटी ने स्पष्ट किया कि परिषद में यह एक सुस्थापित प्रथा है कि जब भी किसी विशेष विषय की टैक्सबुक की विषयवस्तु या शिक्षण-शास्त्र के संबंध में पर्याप्त फीडबैक या सुझाव प्राप्त होते हैं, तो एक समिति गठित की जाती है।
अधिकारी ने कहा, "इस समिति में प्रतिष्ठित संस्थानों के उच्चस्तरीय विशेषज्ञ और संबंधित विषय क्षेत्र के फैकल्टी मेंबर्स शामिल होते हैं, जिसके संयोजक करिकुलम विभाग के प्रमुख होते हैं। समिति मामले पर सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श करती है, विषयवस्तु या शिक्षण-विधि के संबंध में साक्ष्य-आधारित निर्णय लेती है। फिर यथाशीघ्र उचित कार्रवाई की सिफारिश करती है।"